कत्लखाना ले जाने से पहले खेत में भूखे-प्यासे बंधे मिले 100 से ज्यादा मवेशी, गोसेवकों ने बोला धावा

बालोद
छत्तीसगढ़ में गायों की तस्करी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला बालोद जिले के ग्राम खुर्सीपार में आया है। यहां लगभग 100 से ज्यादा गोवंशों को समय पर गौसेवक पहुंचने के कारण तस्करी से बचा लिया गया। इन भूखे-प्यासे गौवंश को गौसेवकों ने पानी पिलाया और चारा खिलाया। वहीं पुलिस को सूचना देने के बाद गौवंश का ग्रामीणों व गौसेवकों की उपस्थिति में पंचनामा बनाकर 8 किमी. से पैदल गौशाला लाया गया।तस्करी के पीछे सरपंच और गौसेवकों ने गांव के ही योगेश सोनकर और संतोष सोनकर का नाम लिया है। आरोप है कि दोनों बड़ी संख्या में गौवंश को गांव के खेतों में भूखे-प्यासे बांधकर रात में मेटाडोर में भरकर बाहर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। समय पर सूचना मिलने के बाद गौसेवकों ने गांव पहुंचकर सभी गौवंश को बचाया। फिलहाल पुलिस जांच में जुट गई है। योगेश व संतोष सोनकर को पूछताछ के लिए पुलिस खोज रही है।
गांव में मच गया हड़कंप
गौ सेवा अभियान, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व हिन्द सेना के कार्यकर्ताओं की टीम गांव में मवेशियों को छुड़ाने पहुंची तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिलने के बाद भी इस मामले से सभी ने दूरी बना ली थी। जब पुलिस की टीम आई तो गांव के कुछ जिम्मेदारों ने हिम्मत दिखाई।
गांव की बैठक में करते हैं मना, फिर भी नहीं मानते
सरपंच रोहित ठाकुर और ग्रामीण अध्यक्ष दिनेश ने बताया कि गांव में कई बार बैठक कराकर इन कार्यों को बंद करने समझाइस दी गई थी। लेकिन नहीं मानते, जिसके बाद से जैसा चल रहा है, वैसा चलता आ रहा है। हमारी भी मांग है कि जो गलत कर रहा है, उस पर पुलिस प्रशासन कार्रवाई करे।
दबंगों के आगे बेबस, सरपंच ने भी नहीं की शिकायत
ग्रामीण सूत्रों के मुताबिक गांव से गौवंश की तस्करी का खेल काफी दिनों से चल रहा है। लेकिन इन दबंगों के सामने ग्रामीण भी शांत रहते हैं। यहां तक सरपंच ने भी आज तक कभी थाने में सूचना तक नहीं दी। ग्रामीणों को डर है कि वह आगे आकर इसका विरोध करेंगे तो ये लोग उनसे दुश्मनी निभाएंगे।
पुलिस और गौसेवकों ने मवेशियों को पहुंचाया गौशला
कोतवाली थाना प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि बड़ी संख्या में गौवंश होने की जानकारी मिलने के बाद टीम गांव पहुंची। गांव के सरपंच से पूछताछ भी की गई। हालांकि अभी कोई अपराध दर्ज नहीं हुआ है। अपराध दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बच गई 56 गौवंश की जान
गौसेवक तुषार, गुणाकर, नरेंद्र जोशी, अजय ने बताया कि जैसे ही हमें सुबह 11 बजे करीब पता चला कि बड़ी संख्या में एक खेत पर गौवंश बंधे हैं। तत्काल हमारी टीम के अमित, प्रदीप, मोनेश, देवा, लक्की, आशीष, पिंटू आदि गांव पहुंचकर जानकारी ली। पता चला कि बड़ी संख्या में मवेशी अलग-अलग जगह खेत में थे। पूछताछ करने पर कोई ठीक से जवाब नहीं दे रहा था। कुछ महिलाएं खेत में भूखे प्यासे बंधे मवेशियों की रस्सी को काट रही थीं। गौ सेवकों को देखा तो भाग गई।
ग्रामीण खुलकर नहीं आ रहे सामने
गौ सेवक अजय यादव ने बताया कि गांव में गौवंश की सप्लाई का इतना बड़ा खेल चल रहा है। ग्रामीणों का एकदम मौन होना समझ से परे है। गौवंश का इतना ज्यादा बुरा हाल किसी गांव में हो रहा हो तो समझो कितना बड़ा पाप है। ग्रामीण एकजुट हों और ऐसे अपराध को रोकने हर हाल में सामने आएं। सभी गौ सेवकों ने सरपंच, ग्रामीण अध्यक्ष, उप सरपंच मनीषा सोनकर, राम भरोसा, धांसू राम व जानकी ठाकुर सहित अन्य से अपील की कि इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो हमें व पुलिस को बताएं।
रेडी टू इट खिला रहे थे मवेशियों को
तस्करी के लिए खेत में बंधे मवेशियों को सरकार के रेडी टू इट पाउडर, जिसका उपयोग बच्चों , गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को खिलाने में किया जाता है, मवेशियों को खिलाया जा रहा था। गौसेवकों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं रेडी टू ईट मामले में आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता और सहायिकाओं से पूछताछ की गई तो खुद को अनजान बताया। उन्होंने बताया कि नियम के तहत ही रेडी टू ईट पाउडर का वितरण किया जाता है।