छत्तीसगढ़ से 20 परिवार जम्मू-कश्मीर में बंधुआ मजदूरी करने को मजबूर, VIDEO बनाकर भेजा, सरकार से लगाई मदद की गुहार
जांजगीर-चांपा
जिले के 20 परिवार जम्मू-कश्मीर में बंधुआ मजदूरी करने को मजबूर हैं। बडगाम जिले चडूरा थाना क्षेत्र के मगरेपुरा गांव में ये सभी ईंट भट्ठे में काम कर रहे हैं, जहां के मालिक ने उन्हें बंधक बना लिया है। नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर ने 9 सितम्बर 2022 को बडगाम जिले के डिप्टी कमिश्नर से इस बात की शिकायत की थी, जिसके बाद डिप्टी कमिश्नर ने जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन 3-4 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक जम्मू-कश्मीर से मजदूरों को रिहा नहीं कराया जा सका है।
इन्होंने वीडियो बनाकर जांजगीर-चांपा जिले में स्थित अपने परिवार और प्रशासन को भेजा है और इन सबको वहां से निकालने की अपील की है। इन 21 परिवारों में 40 बच्चे और 50 महिला-पुरुष शामिल हैं, जो इलाके के ईंट भट्ठे (मार्का 191) में बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं। 20 के अलावा एक परिवार बलौदाबाजार जिले का भी है, जिन्होंने रेस्क्यू करने की अपील की है।
मजदूरों ने वीडियो में बता है कि वे लगातार ईंट बनाने का काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उनका हिसाब नहीं बताया जा रहा है। उन्हें उनका वेतन भी नहीं मिल रहा। एक मजदूर ने बताया कि उसने 90 हजार ईंट बनाई, जिसकी कीमत 81,000 रुपए हुई और उसे 4 महीने में केवल 15 हजार रुपए खर्च करने के लिए मिला, बाकी का पैसा मालिक ने उन्हें नहीं दिया। इसलिए वो अब अपने परिवार सहित छत्तीसगढ़ जाना चाहता है।
जांजगीर-चांपा कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा को भी 9 सितंबर 2022 को शिकायत पत्र ईमेल के माध्यम से भेजा गया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। बंधुआ मजदूर मायावती ने बताया कि हम सभी अनुसूचित जाति के मजदूर हैं और हमें मई 2022 में बड़गाम जिले में लाया गया। यहां हमें 10,000 रुपए एडवांस देकर फंसा लिया गया। हरेक परिवार के मजदूरों यहां तक कि उनके बच्चों ने भी दिनरात काम करके कर्ज उतार दिया, लेकिन अब ईंट भट्ठे का मालिक उनसे 10,000 की एवज में सालभर काम करवाना चाहता है।