पत्रकार को मिली जान से मारने की धमकी
बिलासपुर। यदुनंदन नगर तिफरा में रहने वाले पत्रकार को संपत्ति विवाद में जान से मारने की धमकी मिली । पत्रकार में सिरगिटी थाना में मामले की एफआईआर दर्ज कराई । मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर यदुनंदन नगर में रहने वाले पत्रकार संजय थवाईत पिता वीके थवाईत उम्र 52 वर्ष ने अपने एफआईआर में बताया कि 27 फरवरी 2024 को जब भी अपने घर में शाम 7:00 बजे बैठे थे , उसी समय प्रतिमा थवाईत तथा दो अन्य व्यक्ति उनके घर में आए और उनके साथ गंदी-गंदी गाली गलौज की प्रतिमा थवाईत ने कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई । मुझे मेरी संपत्ति से बेचने से रोकने की एवं आपत्ति लगाने की , तब मैंने जवाब दिया कि आपका पावर आफ अटार्नी गलत है और आप गलत जानकारी देकर जमीन बेच रही हैं इसलिए मैंने संपत्ति के पंजीकृत विक्रय करने से आपत्ति दर्ज कराया है । इस पर उन्होंने मुझे अश्लील गालियां दी और जान से मारने की धमकी भी दी और कहा कि इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना उनकी इस बात को सुनकर मैं बहुत भयभीत हुआ । इसके बाद 7 फरवरी की शाम 6:20 पर मुझे तिफरा ओवर फ्लाई के नीचे दो व्यक्ति मिले जिनमें से एक का नाम बंगाली दादा था । उसने मुझे धमकी देते हुए कहा कि अगर तुम प्रतिमा की बात नहीं मानोगे तो तुम्हें जान से खत्म कर दिया जाएगा ,अगर बचना चाहते हो तो पंजीयन कार्यालय में जाकर अपनी आपत्ति वापस ले लो । उन लोगों द्वारा घर और बाहर धमकी दिए जाने से मै अत्यंत भयभीत हूं मुझे डर है कि प्रतिमा थवाईत मेरी कभी भी , कहीं भी हत्या करवा सकती है । पत्रकार ने थाना प्रभारी से निवेदन किया है कि प्रतिमा थवाईत बंगाली दादा तथा प्रतिभा थवाईत के साथ घर आए हुए उन दो अन्य लोगों के विरुद्ध जांच कर उचित कार्रवाई करने की कृपा करें । इस आशय की रिपोर्ट पत्रकार संजय थवाईत के द्वारा दर्ज कराई गई है ।
बिलासपुर में संपत्ति विवाद में हो रहे अनेक मामले
बिलासपुर में संपत्ति विवाद में अनेक मामले और विवाद हो रहे हैं और उसका ज्यादातर परिणाम हत्या में आ रहा है । बिलासपुर में भू माफिया प्रशासन खासकर राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण हावी है जिनके कारण वे जमीन मालिक जिनकी जमीने बिलासपुर के मुख्य इलाकों में है लेकिन वह रसूखदार नहीं है उनका जीना और अपनी संपत्ति को बचाए रखना बहुत मुश्किल हो गया है । प्रशासन को ऐसे भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा बिलासपुर में एक दिन ऐसा आएगा कि ना तो शासकीय जमीन बचेगी और ना ही गरीब लोग बिलासपुर में अपनी जमीनों को बचा पाएंगे ।