बिलासपुर। वनरक्षक ममता बंजारा वर्तमान बिलासपुर वन परिक्षेत्र के सोंठी सर्किल अंतर्गत आने वाले निरतू बीट में पदस्थ हैं। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि जंगल की नौकरी उन्होंने विवाह के बाद ज्वाइन की। वर्ष 2013 में जब पोस्टिंग हुई तब वह सामान्य महिला थीं।
कहीं न कहीं मन में इस बात की चिंता थी कि वह वन विभाग की नौकरी कर पाएंगी या नहीं। लेकिन, स्वजन से मिले सहयोग ने उन्हें हिम्मत दी। जैसे- जैसे नौकरी में समय गुजरता गया हिम्मत बढ़ती गई। इसके अलावा जंगल व वन्य प्राणियों के प्रति स्नेह बढ़ता गया। नौकरी के शुरुआत में जब कटघोरा में पदस्थ थीं, उस समय पुरुष वनकर्मियों को देखती थी कि वह अपनी बाइक से फील्ड की बेहतर मानिटरिंग करते हैं। उस समय ममता को बाइक चलानी नहीं आती थी। इस वजह से फील्ड में जाने में दिक्कत भी होती थी।
लगातार परेशानी आने के कारण उन्होंने यह ठान लिया कि वह भी पुरुषों की तरह बाइक पर सवार होकर जंगल की सुरक्षा करेगी। उन्होंने एक बाइक भी खरीदी। इस बीच बाइक चलाने में पारंगत करने स्वजन ने मदद की। वह बाइक चलाना सीख गईं। इसके बाद से वह जंगल की सर्चिंग अपनी ही बाइक से करती है। बाइक पर जंगल के चप्पे-चप्पे की गश्त करती है। इनकी मौजूदगी का ही प्रभाव है कि जिस बीट में वह पदस्थ हैं, वहां वन अपराधी तस्करी तो दूर जंगल के भीतर घुसने तक ताकत नहीं जुटा पाते हैं।