सीता टंडन/बिलासपुर
मस्तूरी ब्लाक अंतर्गत ग्राम गोड़ाडीह बोहारडीह, टांगर, भुरकुंडा, केंवटाडीह टांगर और विद्याडीह सहित छह: गांव के समर्थन में खुलने वाले एसीसी सीमेंट की लोक सुनवाई लोगों के जबरदस्त विरोध के कारण स्थगित करनी पड़ी और पीठासीन अधिकारियों को पीछे के रास्ते से भागना पड़ा। मिली जानकारी अनुसार तीन अक्टूबर 2022 को मस्तूरी के सोन लोहर्सी के हाईस्कूल मैदान में एसीसी सीमेंट की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोकसुनवाई रखी गई थी। इस लोकसुनवाई में लोकसुनवाई के शुरू होते ही लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। लोगों का विरोध इतना जबरदस्त था कि पुलिस प्रशासन को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। बताया यहां तक भी जा रहा है कि लोगों के विरोध को देखकर पुलिस ने पीठासीन अधिकारियों को पीछे के दरवाजे से सुरक्षित बाहर निकाला। लोकसुनवाई में हिस्सा लेने गये लोगों ने बताया कि इस लोकसुनवाई में बिलासपुर मल्हार के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है। अंदर की खबर माने तो कि एसीसी सीमेंट मालिक का भाजपा से संबंध भी इस विरोध का कारण है। इस विरोध प्रदर्शन में लोग इतने उत्तेजित थे कि उन्होंने लोगों के लिए रखी कुर्सियां, कूलर और निगरानी के लिए लगाये सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिये।
स्थानीय लोगों का समर्थन बाहरी लोगों का विरोध
इस जनसुनवाई की खास बात यह है कि इस लोकसुनवाई का विरोध स्थानीय लोगों ने नहीं किया है बल्कि बाहर से आये और बुलाये लोगों ने किया है इस विरोध प्रदर्शन के प्रति स्थानीय लोगों ने विरोध जताया है लोगों का कहना है कि इस कारखाने के खुलने से हमारे युवाओं को रोजगार मिलता और हमारा जीवन स्तर सुधरता क्षेत्र का विकास होता दूसरी ओर विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि जिस तरह कालिंदी आयरन प्लांट और अन्य क्रशर खदान शासन के मानकों का खुला उल्लंघन कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य और पर्यावरण से खिलवाड़ कर रहे हैं उसी तरह एसीसी सीमेंट कालांतर में लोगों के भविष्य में स्वास्थ्य से खिलवाड़ करेंगे इसलिए हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
लोगों के विरोध के कारण जनसुनवाई स्थगित करनी पड़ी। पुलिस की व्यवस्था चुस्त थी। विरोध को देखते हुए पीठासीन अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यहां लगभग सौ की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
गरिमा द्विवेदी
एडिशनल एसपी बिलासपुर