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जांजगीर चांपा

जांजगीर: दहाड़े मार-मार कर रोने वाली पत्नी निकली हत्यारन

चार मौत होती किस्मत से बचा रेलवे पोटर, सुहागा कहां से ख़रीदा गया ?


शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर पति समेत 03 लोगों की हत्या के मामले में पत्नी एवं प्रेमी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

परसाही बाना में जहरीली शराब मामले में अवैध संबंध का रहा कारण

जांजगीर-चांपा
अकलतरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत परसाही बाना में जहरीली शराब से मरने मामले में प्रेम संबंध में पति को रास्ते से हटाने पत्नी ने शराब में जहर मिलाकर दिया जिससे पति के साथ देवर और चाचा ससुर भी इस षड्यंत्र का शिकार हो गए। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार जयंती साण्डे उम्र 44 साल निवासी परसाही बाना थाना अकलतरा का प्रेम संबंध बलौदा क्षेत्र के ठडग़ा बहरा निवासी प्रेम सागर रत्नाकर उम्र 47 साल से था । इस बात की खबर पति को होने से आये दिन विवाद की स्थिति निर्मित हो रही थी जिसके कारण हत्यारी आरोपी महिला ने आरोपी प्रेमी के साथ मिलकर मारने की नीयत बनाई और घटना वाले दिन घर में रखी शराब में जहर मिला दिया जिससे संत कुमार सांडे, संजय सांडे तथा जीतेन्द्र सोनकर की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफतार कर लिया है।
आरोपियों के विरूद्ध धारा 302, 328, 304, 34 भादवि के तहत कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही में टी गई सत्यकला रामटेके, सहायक उप निरीक्षक अरुण सिंह, भी पी खांडेकर, सियाराम यादव, प्रदीप दुबे, राघवेंद्र धृतलहरे, विवेक सिंह, सायबर सेल जांजगीर का सराहनीय योगदान रहा।

चार मौत होती किस्मत से बचा रेलवे पोटर, सुहागा कहां से खरीदा गया?
बताया जा रहा है कि वहीं रहने वाला व्यक्ति लक्ष्मी रत्नाकर जो रेलवे में पोटर है, सुबह जब नहाने गया तो उसने इन तीनों को शराब पीने की बात करते सुना तो उसने भी पीने की इच्छा जताई लेकिन जब वे लोग अचानक घर मे शराब पीने की बात कहकर निकल गये और लक्षमी रत्नाकर भी वहां से निकल गया। इस तरह उसकी जान बच गई। इस मामले का दूसरा पहलू ये है कि अवैध संबंध के कारण एक नहीं तीन जाने ले ली गई और तीन घर के मुखिया चले गए जिनमें एक गर्भवती हैं तो एक के छोटे-छोटे बच्चे हैं और हत्यारी मां के कारण गांव और समाज में बच्चों को अपमानित जीवन जीना होगा। इसके अलावा हत्या में आरोपी पत्नी और प्रेमी के अलावा शराब बेचने वालो की भूमिका क्या थी। यह गहराई से जानना भी पुलिस के लिए आवश्यक है। बलौदा के जिस दुकान से सुहागा खरीदा गया था उस दुकानदार या सोनार से पुलिस ने क्या पूछताछ की। बहुत सारे प्रश्न है जो इस हत्या में अनसुलझे हैं जो शायद अब अनसुलझे ही रहेंगे। यह देखा गया है कि अक्सर शराबी खुली बोतल का शराब नहीं पीते हैं। सामने खुले बोतल से शराब पीना ही पसंद करते हैं। क्या शराब में सुहागा पहले से मिला हुआ था। अगर पत्नी ने शराब की बोतल खोली है तो सुहागा घुलने में समय लगता है तो क्या तीनों को आशंका नहीं हुई। बताया जा रहा है कि आरोपी पत्नी शराब बेचने वाली महिला के साथ खेत निंदाई करने भी गयी थी। ये सब बातें कुछ लोगों के मिले होने की आंशका पैदा कर रही है।

दो और लोगों को मारना सुनियोजित या कुसंयोग
अक्सर अवैध संबंध में हत्या होती है परंतु कोई भी हत्यारा निर्दोष या चलते फिरते किसी की भी बेमतलब हत्या नहीं करता है। क्या जयंती सांडे को अपने पति पर इतना गुस्सा था कि उन दो निर्दोषों को मारना उसे गलत नहीं लगा। जब शराब मंगायी गयी तब जयंती सांडे को पता था कि इस शराब को पीकर दो और निर्दोष भी मारे जायेंगे तो उसने जहर शराब में जहर कैसे मिलाई क्या ऐसा हो सकता है कि शराब में जहर पहले से मिलाई गई हो और इस षड्यंत्र में शराब बेचने वाले भी शामिल हैं जिन पर धारा 34 के तहत कार्यवाही कर छोड़ दिया जायेगा या जयंती सांडे को उन दो लोगों से भी किसी बात को लेकर खुन्नस थी। फिलहाल यह जांच का विषय है।

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