तीन विधायक इधर से गायब, तीन उधर से गायब… बिहार में तेजी से बदल रहा नंबरगेम!
नई दिल्ली,
बिहार में पिछले कुछ दिनों से सियासी हलचल है. नीतीश कुमार ने जबसे महागठबंधन का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का दामन थाम लिया है, तभी से खेला शब्द चर्चा में है. नीतीश के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव ने कहा था कि अभी खेला बाकी है. अब विधानसभा में शक्ति परीक्षण की घड़ी आ गई है.
नीतीश सरकार को विधानसभा में आज बहुमत साबित करना है और इससे पहले तेजस्वी फ्रंट फुट पर हैं. उनकी पार्टी ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण से ठीक पहले भी खेला होने का दावा किया है. बहुमत परीक्षण से पहले की अंतिम रात को जिस तरह तेजी से परिस्थितियां बदलती नजर आईं, उससे यह सवाल और गहरा हो गया है कि क्या बिहार में अभी ‘खेला’ बाकी है?
दरअसल, ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि सत्ताधारी खेमे के कई विधायक आउट ऑफ कॉन्टैक्ट हो गए हैं. नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सरकार गठन के लिए 128 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था और अब खुद एनडीए ने ही कहा है कि हमारे पास 127 विधायकों का समर्थन है.
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के छह विधायक पार्टी की पहुंच से बाहर बताए जा रहे थे. इनमें से तीन विधायकों के लौट आने का दावा जेडीयू ने किया है. एक विधायक संजीव कुमार को झारखंड से बिहार में प्रवेश करते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. संजीव कुमार को पुलिस हिरासत में पटना लाए जाने की खबर है. फिलहाल, जेडीयू नेताओं का अपने एक विधायक से संपर्क नहीं हो पा रहा है.
विधायकों के आउट ऑफ कॉन्टैक्ट होने की समस्या केवल जेडीयू तक सीमित नहीं है, इस तरह की परिस्थिति का सामना बीजेपी और विपक्षी आरजेडी को भी करना पड़ रहा है. बीजेपी के तीन विधायक मिश्रीलाल यादव, भागीरथी देवी और रश्मि वर्मा गायब हैं. भागीरथी देवी को लेकर कहा जा रहा है कि वह विधानसभा में ही हैं लेकिन सदन में मौजूद नहीं हैं.