पांच तगड़ी रणनीति, जिससे एमपी में कांग्रेस का तहस-नहस तय, कमलनाथ के बीजेपी में एंट्री की चर्चा की इनसाइड स्टोरी!
भोपाल
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ का बीजेपी में जाना लगभग तय हो गया है। उनके समर्थकों ने यह संकेत दे दिए हैं। तारीख और समय बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद तय हो जाएगी। कथित तौर पर बीजेपी में कमलनाथ की एंट्री कुछ शर्तों के साथ हो रही है। अगर चर्चाओं पर मुहर लगती है कि एमपी में कांग्रेस पूरी तरह से तबाह हो जाएगी, जिससे उबरने में लंब वक्त लग सकता है। जैसे ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद हुआ है। कमलनाथ ने बीजेपी में एंट्री से पहले एक रोडमैप तैयार किया है। उस रोडमैप की चर्चा सियासी गलियारों में खूब है। आइए आपको कमलनाथ की पांच तगड़ी रणनीति के बारे में बताते हैं, जिसे उन्होंने बीजेपी में जानें से पहले कथित तौर पर तैयार किया है।
दरअसल, कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। इन अटकलों पर उनका कहना है कि ऐसा अगर कुछ करूंगा तो मैं बता दूंगा। लेकिन कांग्रेस में रहेंगे या नहीं, इस पर कुछ जवाब नहीं आ रहा है। न ही, वह कांग्रेस का नाम ले रहे हैं। कमलनाथ ही नहीं उनके समर्थक भी दिल्ली पहुंचने लगे हैं। समर्थकों ने इशारा करना शुरू कर दिया है कि वह जो फैसला लेंगे, हम उनके साथ हैं। वहीं, कांग्रेस आलाकमान ने भी उनके नाम से कन्नी काटना शुरू कर दिया है। पार्टी के सीनियर नेता जयराम रमेश से वाराणसी में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं यहां सिर्फ विश्वनाथ की बात करने आया हूं, कमलनाथ की नहीं। इससे साफ है कि कांग्रेस आलाकमान ने यह भांप लिया है कि कमलनाथ अब हमारे साथ नहीं रहने वाले हैं।
22 से अधिक विधायक बीजेपी में हो सकते हैं शामिल
दरअसल, कमलनाथ बीजेपी में अकेले नहीं जाएंगे। कथित तौर पर बीजेपी चाहती है कि कमलनाथ आएं तो बड़ी संख्या में वह विधायकों को लेकर भी आएं। हालांकि मध्य प्रदेश में बीजेपी को विधायकों की जरूरत है नहीं। लेकिन कांग्रेस को खत्म करना चाहती है। 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ी थी। ऐसे में अधिकांश लोग इनके समर्थक ही है। चर्चा है कि कमलनाथ के साथ 22 से अधिक विधायक बीजेपी में जाएंगे। 22 से अधिक की संख्या होने पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा। एमपी में कांग्रेस विधायकों की संख्या अभी 63 है। वहीं, छिंदवाड़ा विधानसभा की सातों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
सबको फिर से मिले टिकट
कमलनाथ के साथ अगर विधायक बीजेपी में जाते हैं तो सबको विधानसभा से इस्तीफा देना होगा। अगर ये विधायक इस्तीफा दे देते हैं तो उपचुनाव में इन्हें ही टिकट मिले। बीजेपी आलाकमान से इस बात का कमलनाथ को भरोसा चाहिए। इसके बाद ही विधायक कमलनाथ के साथ बीजेपी का दामन थामेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समय में बीजेपी को यह शर्त मंजूर था। ऐसे में अटकलें हैं कि कमलनाथ की बात पर आलाकमान की सहमति मिल गई है।
बहू के चुनाव लड़ने की चर्चा
जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर सांसद तक… छिंदवाड़ा में हर जगह कमलनाथ के परिवार या उनके समर्थकों का कब्जा है। बीजेपी की हर कोशिश छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सामने असफल होती रही है। वहीं, बीजेपी में आने के बाद भी छिंदवाड़ा में चीजें कमलनाथ के हिसाब से ही होगी। उनकी बहू प्रिया नाथ भी छिंदवाड़ा में सक्रिय हैं। हमारे सहयोगी अखबार नवभारत टाइम्स को प्रदेश बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ की बहू प्रिया नाथ को लोकसभा चुनाव लड़ाने की बात चल रही है।
कांग्रेस को तहस-नहस करने का प्लान
दरअसल, विधानसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ के साथ जिस तरीके से पार्टी का व्यवहार रहा है। उससे वह बहुत आहत हैं। ऐसे में उन्होंने पार्टी को तहस-नहस करने का भी प्लान बनाया है। जबलपुर मेयर से लेकर उनके कई बड़े समर्थक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। कहा जा रहा है कि विधायकों के साथ-साथ कमलनाथ पार्टी के अन्य मेयर के साथ-साथ क्षेत्रवार बड़े-बड़े नेताओं की एंट्री बीजेपी में करा सकते हैं। इससे कांग्रेस पूरी तरह से तबाह हो जाएगी। हर जगह पर नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। लोकसभा चुनाव से पहले मिले झटके से उबरना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा।
बीजेपी में जाने की चर्चाओं से पहले करवाए सर्वे
वहीं, सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने बीजेपी में जाने की चर्चाओं से पहले छिंदवाड़ा में सर्वे करवाए थे। सर्वे के अनुसार छिंदवाड़ा की जनता की राय थी कि बीजेपी के साथ ही जाएं। इसके बाद से पार्टी लाइन से अलग हटकर वह कई चीजें कर रहे थे। कमलनाथ ने अयोध्या में राम नाम लिखकर भिजवाए। कहा जा रहा है कि छिंदवाड़ा की जनता की राय के बाद ही उन्होंने कथित तौर पर बीजेपी में जाने का विचार आया है।