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अरविंद केजरीवाल को फिर मिला ED का समन, अबकी मामला दूसरा है

नई दिल्ली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित मामले में भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है. इस केस में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. दिल्ली सरकार में शिक्षा विभाग की मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने बताया कि सीएम को यह समन शनिवार, 16 मार्च की शाम को भेजा गया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत दर्ज ये दूसरा मामला है जिसमें केजरीवाल को बुलाया गया है.

AAP ने क्या कहा?
केजरीवाल के ED को भेजे गए 9वें समन पर आम आदमी पार्टी का तरफ से बयान सामने आया है. इसे लेकर दिल्ली सरकार की वित्त मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,

‘अरविंद केजरीवाल को ED का एक और समन मिला है. उन्हें दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित किसी जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है. हमें मामले को लेकर कोई जानकारी नहीं है. उन्हें (अरविंद केजरीवाल) को फर्जी मामले में तलब किया गया है. ‘

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल अदालत में पेश हुए क्योंकि उन्होंने बजट सत्र खत्म होने के बाद खुद अदालत में पेश होने की बात कही थी. AAP कानून और अदालत का सम्मान करती है. अदालत ना जाने पर सवाल उठाने वाले बीजेपी नेताओं का केजरीवाल ने मुंह बंद कर दिया है. अब कोर्ट में ED के समन पर बहस होगी कि भेजे जाने वाले समन कानूनी हैं या गैरकानूनी.

दिल्ली जल बोर्ड केस क्या है?
दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित केस में फरवरी महीने में ईडी ने सीएम के निजी एसिस्टेंट बिभव कुमार, आम आदमी पार्टी के ट्रीजरर और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ छापेमारी की थी. दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य शलभ कुमार पर भी रेड की गई थी. एजेंसी ने बोर्ड के चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा और एक अनिल कुमार को गिरफ्तार भी किया था.

इंडिया टुडे से जुड़ीं श्रेया चटर्जी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित केस की ईडी जांच सीबीआई की एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया था कि जगदीश अरोड़ा ने किसी एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये से ज्यादा का कॉन्ट्रेक्ट दिया था, जो टेक्निकिल रूप से उसके पात्र नहीं थे. ईडी का दावा है कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज सबमिट करके कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया था.

आरोप यह भी है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनिल कुमार अग्रवाल की स्वामित्व वाली कंपनी इंटीग्रल स्क्रूज को काम का सब-कॉट्रेक्ट दिया था. इसके बदले अरोड़ा को तीन करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें कुछ कैश और कुछ बैंक ट्रांसफर किया गया था. एजेंसी का दावा है कि अरोड़ा के करीबी लोगों को भी कैश भेजे गए थे.

Kejriwal को जमानत कैसे मिली थी?
ED इससे पहले अरविंद केजरीवाल को इस मामले में पेश होने के लिए 8 बार समन भेज चुकी है. जिस पर केजरीवाल उनके सामने पेश नहीं हुए. इसी सिलसिले में 3 और 6 मार्च को ED ने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके चलते शनिवार 16 मार्च को अरविंद केजरीवाल कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ED से शिकायत से जुड़े दस्तावेज मांगे. जिसके बाद कोर्ट ने कहा,

‘अपराध जमानती है, आरोपी अरविंद केजरीवाल को जमानत दी जाती है ‘

इसके बाद अरविंद केजरीवाल को 15,000 रुपए के जमानती बांड और एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी.

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