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इस दिन लगने जा रहा है 21वीं सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण, क्या भारत में नजर आएगा?

नई दिल्ली

हिंदू धर्म में सूर्यग्रहण का विशेष महत्व माना गया है. सूर्यग्रहण को एक खगोलीय घटना कहा गया है जिसमें चांद सूरज को पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढक लेता है. जिसके चलते पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश कम या पूरी तरह से गायब हो जाता है. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को लगा था, जिसका प्रभाव अमेरिका और उसके आस पास के देशों में देखा गया था. इसके बाद अब साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण भी लगने वाला है. साल का पहला सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखा था, इसलिए साल के अगले सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं, कि सूर्यग्रहण कब लगने वाला है और क्या इस बार ये भारत में दिखेगा या नहीं?

सूर्यग्रहण को खगोल और ज्योतिष दृष्टि में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इसका असर सभी राशियों के साथ ही देश और दुनिया पर भी सकारात्मक व नकारात्मक रूप से पड़ता है. पंचांग के अनुसार, साल का दूसरा सूर्यग्रहण अक्टूबर के महीने में लगने वाला है जो कि इस साल का अंतिम ग्रहण भी होगा. ऐसे में आपको बताते हैं, साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण कब लगेगा और क्या यह भारत में दिखेगा या नहीं?

सूर्य ग्रहण 2024 कब है?
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024, बुधवार के दिन लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 09:10 से लेकर सुबह के 3:17 तक रहेगा. इस सूर्यग्रहण की कुल अवधि करीब 6 घंटे 4 मिनट तक की होगी.

यह सूर्यग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं?
इस साल का पहला सूर्य भारत में नहीं दिखाई दिया था. वहीं, अब साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आने वाला है. इसका मुख्य कारण है कि ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात के समय में लगेगा.

क्या सूर्यग्रहण का सूतक काल मान्य होगा?
साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा और न ही सूतक काल के नियम का पालन नहीं किया जाएगा.

किन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 2024?
वैज्ञानिक अनुमान के अनुसार, साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण मैक्सिको, ब्राजील, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना, आर्कटिक, कूक आइलैंड, उरुग्वे आदि देशों में दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण पर कब लगता है सूतक काल?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण से ठीक 10 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और इस दौरान में कई नियमों पालन किया जाता है. सूतक काल को धार्मिक दृष्टि से अशुभ समय माना गया है, इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. इसके साथ ही सभी धार्मिक स्थल या मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.

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