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सोने से भरी 4 अलमारी, गोल्ड-सिल्वर से भरे 3 संदूक… जगन्नाथ का रहस्यमयी खजाना निकालने में छूटे 11 लोगों के पसीने

पुरी

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के भीतरी रत्न भंडार में रखे खजाने को गुरुवार के दिन निकाल लिया गया है. इस काम के लिए सरकार ने 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. 18 जुलाई को सुबह 9.51 बजे कमेटी के 11 लोग अंदर गए. तीसरे कमरे से 4 आलमारियां और 3 संदूक मिले हैं. खजाना निकालते-निकालते कमेटी के लोगों को 7 घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया. इतना सारा खजाना था कि कमेटी वालों के पसीने तक छूट गए.

जगन्नाथ मंदिर के लिए बनी निगरानी समिति ने मंदिर में और जांच के लिए सरकार को निर्देश देने की सिफारिश की है. पूर्व जस्टिस विश्वनाथ रथ ने सरकार से यह मांग की है ताकि लोगों के भ्रम को दूर किया जा सके.

मंदिर में कितना खजाना मिला?
जानकारी के मुताबकि, भगवान जगन्नाथ के मंदिर के पहले कमरे में 3.48 किलोग्राम सोना मिला. दूसरे कमरे में 95.32 किलोग्राम सोना मिला और तीसरे कमरे में 50.6 किलोग्राम सोना मिला. पहले कमरे में 30.35 किलोग्राम चांदी मिला. पहले कमरे में मिले सोने और चांदी का उपयोग अनुष्ठान में किया जाता है. दूसरे कमरे में 19.48 किलोग्राम चांदी मिलाय दूसरे कमरे और सोने चांदी का उपयोग त्योहारों को समय किया जाता है. तीसरे कमरे में 134.50 किलोग्राम चांदी मिला. तीसरे कमरे में मिले सोने और चांदी का उपयोग आज तक नहीं किया गया है.

तीसरे कमरे में क्या-क्या मिला?
रत्नगृह में गई निगरानी समिति को तीसरी कमरे में 6.50X 4 फीट की एक आलमारी और 3X4 फीट की संदूक मिली. अब तक कुल 9 संदूक और 4 आलमारी मिल चुके हैं. जगन्नाथ मंदिर का पहला कक्ष पूजा के लिए रोज खोला जाता है. दूसरा कक्ष विशेष पूजा के लिए खुलता है, जबकि तीसरा कक्ष पिछले 46 सालों से बंद था. दुनियाभर में बसे करोड़ों हिंदुओं के साथ-साथ देशभर की निगाहें इस जगन्नाथ मंदिर पर टिकी हुई हैं.

कहां शिफ्ट किया खजाना?
मंदिर के तीन कमरों के सारे खजाने को अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट किया जा चुका है. निगरानी समिति चाहती है कि उन्हें ऐसे उपकरण मुहैया कराए जाएं जिससे मंदिर परिसर में किसी और कमरे या तहखाने का पता लगाया जा सके. साथ ही निगरानी कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि लोगों में तहखाने और सुरंग को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है. इसलिए खजाने की गिनती से पहले कमेटी इसे दूर करना चाहती है. पिछले साल अगस्त में जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति ने राज्य सरकार से सिफारिश की थी कि रत्न भंडार 2024 की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान खोला जाए.

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