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केदारनाथ, कुल्लू और झारखंड में कुदरत का कहर, वायनाड में अभी भी जिंदगी की आस…

नई दिल्ली

देश के कई राज्यों में कुदरत का कहर देखने को मिला है. कई राज्यों में भारी बारिश की वजह से कहीं बाढ़ की स्थित बनी है तो कही लोगों का आशियाना पलभर में तबाह हो गया. केरल के वायनाड में भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटना में 334 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है जबकि दर्जनों लोग अभी भी लापता है. उत्तराखंड के केदारनाथ धाम रास्ते में फंसे 10 हजार से अधिक लोगों को निकालने के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा.

दो राज्यों में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म भी नहीं हुआ था कि झारखंड में कुदरत का कहर देखने को मिला. राज्य के कई हिस्सों में कल से हो रही मुसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. सड़के जलमग्न हो गई हैं. जलभराव की वजह से कई मकान भरभराकर धराशायी हो गए. लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. नदी-नाले सब उफान पर हैं. राज्य में शनिवार को स्कूल भी बंद रहे. हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश से अचानक आयी बाढ़ और भूस्खलन के कारण 114 सड़कें बंद हो गई हैं.

केदारनाथ में तीसरे दिन चला रेस्क्यू अभियान
केदारनाथ धाम इलाके में भारी बारिश के बाद पैदल मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए शनिवार को तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. शनिवार को 10 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. खतरे को देखते हुए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है. अधिकारियों की मानें तो अभी भी करीब 1300 तीर्थयात्री केदारनाथ, भीमबली और गौरीकुंड में फंसे हैं लेकिन सुरक्षित हैं.

भारतीय वायु सेना के चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टर ने शुक्रवार को इलाके से कुछ तीर्थयात्रियों को निकाला. इसके अलावा एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. शुक्रवार को लिंचोली में थारू शिविर के पास भूस्खलन में जिस तीर्थयात्री की जान चली गई थी. लिंचोली के समीप जंगलचट्टी में बुधवार रात बादल फटने से केदारनाथ जाने वाले पैदल मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा. बारिश की वजह से कहीं-कहीं सड़कें भी बह गईं जिसकी वजह से तीर्थयात्री फंस गए.

केरल के वायनाड में बचाव अभियान आखिरी दौर में
केरल के वायनाड में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटना में 334 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. राज्य के सीएम पिनराई विजयन ने शनिवार को बताया कि तलाश और बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में है, लेकिन 206 लोग अब भी लापता हैं. सीएम ने कहा कि चलियार नदी से बरामद शवों और मानव अंगों की पहचान करने में समस्या है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 67 शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है. घटना में मृत लोगों में से जिनकी पहचान नहीं हो पाई उनका डीएनए रखने का निर्देश दिया है.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना, एनडीआरएफ समेत कई अन्य सरकारी एजेंसियों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि कहा कि भारतवासियों की करुणा और एकजुटता ही वह ताकत है जिसकी वायनाड को अभी जरूरत है. कांग्रेस नेता ने कहा कि कठिन समय में कर्नाटक के लोगों और सरकार का बहुत आभारी हूं. दुखद भूस्खलन के पीड़ितों के लिए 100 घर बनाने की आपकी प्रतिबद्धता पुनर्वास प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

झारखंड में कुदरत का कहर, कई मकान बहे
झारखंड में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश से कई रास्ते बह गए. पेड़ उखड़ गए और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. एक पुल भी ढह गया है. राहत की बात है कि अभी तक किसी भी हिस्से में जनहानि नहीं हुई है. रांची में मूसलाधार बारिश के बाद निचले इलाके से लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है. शनिवार को भी कई इलाकों में बारिश देखने को मिली.

बोकारो जिले में भारी बारिश के कारण पुल का एक हिस्सा ढह गया. यह पुल करीब 300 मीटर लंबा था. पुल का एक हिस्सा ढहने के बाद यातायात बाधित हो गया. यह पुल बोकारो के ललपनिया और गिरिडीह जिले के डुमरी को जोड़ता है. वहीं, गुमला में भारी बारिश से कम से कम तीन सड़कें बह गईं. धनबाद में, बेकारबांध के पास ग्रेवाल कॉलोनी, भूली में नवाडीह नंदन रेजीडेंसी, धैया में मंगल विहार कॉलोनी, मैथन में शिवलीवारी कॉलोनी जैसे कई इलाके भारी बारिश के कारण जलमग्न हैं.

हिमाचल में बादल फटा, 7 अगस्त तक अलर्ट
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश के बाद आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 114 सड़कें बंद हो गईं. मौसम विभाग ने राज्य में 7 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहने की शनिवार को चेतावनी दी. यातायात के लिए बंद की गई सड़कों में से 36 मंडी में, 34 कुल्लू में, 27 शिमला में, आठ लाहौल और स्पीति में, सात कांगड़ा में और दो किन्नौर जिले में हैं.

बादल फटने के बाद लापता हुए करीब 45 लोगों का पता लगाने के लिए शनिवार को भी बचाव अभियान जारी रहा, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ और पुलिस और होमगार्ड की टीम के कुल 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से खोज अभियान में शामिल हैं.

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