कोर्ट की कार्रवाई:मुआवजा केस, एसडीएम की सरकारी कार जब्त
जांजगीर 12 साल पुराने मुआवजा प्रकरण का निपटारा नहीं हुआ तो जिला कोर्ट के जज ने एसडीएम की सरकारी संपत्तियों को सील करने का आदेश जारी कर दिया। इसी आदेश के तहत शुक्रवार को एसडीएम की कार जिला कोर्ट में सील कर खड़ी कर दी गई। जांजगीर-चांपा के एडीएम एसपी वैद्य ने बताया कि जिला कोर्ट में एसडीएम की कार को रुकवा ली गई है।
एसडीएम प्राइवेट वाहन से घर लौटी हैं। 2013-14 में केएसके पावर प्लांट के लिए नरियरा में जमीन अधिग्रहीत की गई थी। नरियरा निवासी सुरेखा सिंह की भी जमीन अधिग्रहित की गई, पर उसका मुआवजा नहीं मिला। मुआवजे के लिए उसके परिजन कई बार एसडीएम कार्यालय गए, पर निपटारा नहीं हुआ तो कोर्ट में वाद दायर किया।
2015 में जिला कोर्ट ने आदेश दिया कि पीड़िता को 1 करोड़ 37 लाख रुपए का भुगतान किया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद भी पीड़िता को इस राशि का भुगतान नहीं हुआ। तो जज ने अफसरों से जवाब मांगा।
बकाया राशि और ब्याज मिलाकर जब रकम 1 करोड़ 40 लाख पहुंच गई तो जज ने अफसरों से स्पष्टीकरण मांगा। उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर कोर्ट ने सरकारी संपत्ति को बेचकर फरियादी को मुआवजा के भुगतान करने का आदेश दिया। इसी के तहत शुक्रवार को एसडीएम जिला कोर्ट पहुंची तो उनकी सरकारी कार को जब्त कर लिया। अब मंगलवार को मामले में कुछ फैसला हो पाएगा।