छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ 28 अगस्त को रायपुर में बड़ा प्रदर्शन करने जा रहा है। इसमें प्रदेश के सभी जिलों से 1000 से ज्यादा दिव्यांग शामिल होंगे। बुधवार को सुबह 10 बजे तेलीबांधा तालाब से घड़ी चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकाला जाएगा।
दिव्यांग सेवा संघ के अध्यक्ष बोहित राम चन्द्राकर ने बताया कि, इस पैदल मार्च में 80 से 100 प्रतिशत दिव्यांग शामिल हो रहे हैं। एक महीने पहले संघ ने प्रदेश में भी फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट से सरकारी नौकरी करने वाले अधिकारियों का खुलासा किया था।
मंत्री से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने पर संघ को प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
जब तक मांगें पूरी नहीं होगी डटे रहेंगे दिव्यांग
दिव्यांग संघ ने बताया कि, इस पैदल मार्च के दौरान हम मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च करेंगे। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती सभी रायपुर की सड़कों पर ही डटे रहेंगे। इस प्रदर्शन के दौरान हमें सभी दिव्यांग भाइयों बहनों से निवेदन किया है कि वह अपने साथ राशन और खाने की चीज भी लेकर आए। ताकि अगर रात्रि विश्राम करना पड़ा तो सभी सड़कों पर ही अपनी रात बिताएंगे।
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन
- सरकारी नौकरी में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी करने वाले लोगों का मेडिकल बोर्ड के सामने दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराया जाए। फर्जी दिव्यांग साबित हो चुके सत्येन्द्र सिंह चंदेल व्याख्याता जिला जांजगीर और अक्षय सिंह राजपूत व्याख्याता जिला मुंगेली को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
- रिचा दुबे सहायक संचालक कृषि महासमुंद बर्खास्त हो चुकी है। उस पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज हो।
- वास्तविक दिव्यांग शासकीय अधिकारी-कर्मचारी को केन्द्र के सामान 4 प्रतिशत पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए। जिसका गणना केन्द्र के सामान 1 जनवरी 2016 से किया जाए।
- छग राज्य में दिव्यांगों को केवल 500 रुपए पेंशन दिया जाता है, जबकि कई राज्यों में 3500 से 4072 रुपए तक प्रतिमाह पेंशन मिलता है। पेंशन बढ़ाकर 5000 रुपए प्रतिमाह किया जाए। पेंशन के लिए BPL की बाध्यता खत्म हो।
- दिव्यांगता के कारण दिव्यांग बहनों की शादी नहीं हो पा रही है। उन्हें महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जाए।
- विभागों के गलत पत्राचार और धारा 51 के जगह 91 का उल्लेख होने से जिन 10 से 20 लोगों को कोर्ट से स्टे मिला है। उसका तुरंत निपटारा करने के लिए समिति बनाई जाए। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के परिपत्र क्रमांक 18-04/2011/9/17 तारीख 25.02.2011 का उपयोग किया जाए।
- राज्य शासन फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनने से रोकने के लिए कड़ा परिपत्र जारी करे। जो भी इसमें संलिप्त हो उसे 7 साल सजा और 50 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान हो।
- सभी भर्ती परीक्षा में अंकित किया जाए कि दिव्यांग सीट पर चयनित अभ्यर्थी के दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण सक्षम बोर्ड से कराने के बाद ही ज्वाइनिंग दिया जाए। भविष्य में शिकायत होने पर संभाग और राज्य मेडिकल बोर्ड से दोबारा दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराने का प्रावधान हो।