कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस में नया पेच, फोरेंसिक रिपोर्ट तो कुछ और ही कह रही
अरुणिमा
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप मामले में नया पेच फंस गया है. सीबीआई की अब तक की जांच में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं, जो पूरे मामले का रुख मोड़ सकती हैं. सीएनएन-न्यूज 18 को सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये बात तो पूरी तरह स्पष्ट है कि महिला डॉक्टर के साथ रेप हुआ, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट कुछ और ही कह रही है. फोरेंसिक रिपोर्ट से इस मामले में साफ-साफ जानकारी नहीं मिल पा रही है. इससे लग रहा कि घटना के बाद सबूतों से छेड़छाड़ की गई. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसके पास इससे जुड़े कई अहम सुराग हैं, जो बताते हैं कि सबूत नष्ट करने की कोशिश हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 17 सितंंबर तक इस मामले में अब तक हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, इसमें वो सबकुछ शामिल करें कि एजेंसी को कौन से नए सबूत मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक, महिला डॉक्टर के साथ रेप हुआ, ये तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट स्पष्ट है लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट ने निर्णायक निष्कर्ष नहीं दिए हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला डॉक्टर की मौत गला घोंटने से हुई. सूत्रों ने बताया कि एक और सबूत है, जिससे पता चलता है कि मुख्य आरोपी संजय रॉय के डीएनए सैंपल पीड़िता की बॉडी पर मिले डीएनए सैंपल से मेल खाते हैं.
बंगाल की लैब में तो खेल नहीं हुआ?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने फोरेंसिक रिपोर्ट में गड़बड़ी की ओर इशारा किया. कहा, फोरेंसिक टेस्ट पश्चिम बंगाल की एक लैब में किए गए थे, अब सीबीआई इन सैंपल को आगे की जांच के लिए एम्स और सभी सेंट्रल फोरेंसिक लैब में भेजने जा रही है. जिस तरह से पोस्टमार्टम किया गया, उसकी जांच भी सीबीआई कर रही है. सीबीआई को सुनने के बाद कई बातें ऐसी सामने आईं, जिसे जानकर सुप्रीम कोर्ट भी हैरान रह गया. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आखिर पोस्टमार्टम के वक्त का चालान कहां गायब हो गया, बिना चालान पोस्टमार्टम नहीं किया जा सकता. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश कपिल सिब्बल भी इस पर जवाब नहीं दे सके.