बैंक फ्रॉड के शिकार होने वाले पीड़ितो से करें सौहार्दपूर्ण व्यवहार – SP
कोरिया
आम जनता के साथ होने वाली एटीएम फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड, फिशिंग इत्यादि तरीकों से उनकी मेहनत की कमाई को अपराधी द्वारा आसानी से उनके खाते से साफ करने के अपराध को रोकने के लिए आज पुलिस अधीक्षक कोरिया श्री संतोष कुमार सिंह ने रक्षित केंद्र बैकुंठपुर के कॉन्फ्रेंस हॉल में कोरिया जिले के समस्त बैंक प्रभारियों की मीटिंग ली।
उक्त मीटिंग में बैंकों में लगे सभी सीसीटीवी कैमरा को ठीक करने, एटीएम के अंदर व बाहर सीसीटीवी कैमरा लगाने, खराब बैंक भवनो में मरम्मत करवाने, बैंक के मुख्य द्वार अथवा अंदर एक सशस्त्र गार्ड उपस्थित रहने सभी बैंकों में कोविड-19 प्रोटोकॉल को फॉलो करने के संबंध में निर्देश दिया गया है। एसपी ने कहा कि अपराधी द्वारा बैंक में कोई घटना कारित करने से 20-25 दिन पहले से रेकी करने की बात सामने आई है ऐसी स्थिति में बैंक अपने गार्डों को विशेष हिदायत दें कि यदि कोई व्यक्ति अनावश्यक रूप से आसपास घूम रहा है या बैंक के भीतर आना जाना कर रहा है तो उनसे पूछताछ करें और आवश्यक होने पर पुलिस को सूचित करें, आप की सजगता से किसी बड़ी घटना को होने से रोका जा सकता है।
पुलिस अधीक्षक द्वारा ली जा रही है मीटिंग में हेल्पलाइन नंबर 155 260 पर विशेष ध्यान दिया गया उन्होंने अवगत कराया कि यदि कोई व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार होता है तो वह खाते में बची हुई अपनी राशि को 155 260 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके खाता होल्ड करवा सकता है या cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करा सकता है, इस कार्य के लिए वैसे तो 72 घंटे का समय होता है किंतु 24 घंटे में अगर यह कार्य कर लिया जाए तो खाते को होल्ड किया जा सकता है, जिससे पीड़ित को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
इस बारे में आगे जानकारी देते हुए एसपी ने सरकार द्वारा बैंकों की कार्यप्रणाली को डिजिटल किए जाने से आम जनता को बैंकिंग कार्यों में मिलने वाली सुविधा में बढ़ोतरी के साथ-साथ विभिन्न तरह के अपराधों में भी बढ़ोतरी के बारे में अवगत कराते हुए एन सी सी आर पी पोर्टल के बारे में भी बताया जिसके माध्यम से पुलिस विभाग एवं बैंक अधिकारियों को साइबर अपराध घटित होने पर पीड़ित को तत्काल राहत प्रदान करने हेतु एक मंच प्रदान किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बैंक प्रभारियों को साइबर फ्रॉड होने वाले पीड़ित व्यक्तियों के साथ सौहार्दपूर्ण बर्ताव करने एवं जिम्मेदारी पूर्वक उनका सहयोग करने की अपेक्षा की साथ ही यह भी कहा कि ट्रांजेक्शन रिपोर्ट प्रदाय करने के उपरांत उसे साइबर अपराध की रिपोर्ट कहां पर की जा सकती है इस बारे में आवश्यक सूचना पीड़ित को अवश्य उपलब्ध कराया जावे और जहां तक हो उनकी सहायता की जावे। बैंक के प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी एवं गॉर्ड के पास थाना/चौकी प्रभारी, पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर आवश्यक रूप से उपलब्ध हो। उक्त मीटिंग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरिया एवं जिले के समस्त बैंक प्रभारी मौजूद रहे।