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पैरासिटामोल समेत 53 दवाओं पर जिसकी एक रिपोर्ट से मच गई हलचल, क्या है वो CDSCO?

नई दिल्ली

पैरासिटामोल, डिक्लोफेनेक, एंटगीफंगल मेडिसिन फ्लुकोनाजोल…ऐसी 50 से ज्यादा दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल पाया गया है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इन दवाओं में पाया कि ये क्वालिटी के हिसाब से नहीं थी और उनको खाने से सेहत बिगड़ सकती है. CDSCO ने कुल 53 दवाओं को टेस्ट में फेल पाया है. ये जानकारी सामने आने के बाद आपके जेहन में ये सवाल भी आ रहा होगा कि CDSCO क्या है.

CDSCO का पूरा नाम सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाईजेशन है. इसे हिंदी में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन कहते हैं. ये भारत सरकार के तहत आता है. CDSCO भारत का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण है. इसका मुख्यालय एफडीए भवन, कोटला रोड, नई दिल्ली पर है. इसके छह जोनल और चार उप जोनल ऑफिस हैं. देशभर में इसकी सात प्रयोगशालाएं भी हैं.

CDSCO के कुछ काम ये हैं…

मिशन: दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा तय करना.
औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री के नियमन के लिए केंद्रीय और राज्य नियामकों को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी.

CDSCO के भीतर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) दवा और चिकित्सा उपकरणों को नियंत्रित करता है और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है. DCGI को ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) और ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी (DCC) द्वारा सलाह दी जाती है. निर्माता जो प्राधिकरण के साथ काम करते हैं, उन्हें भारत में CDSCO के साथ सभी लेन-देन में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक अधिकृत भारतीय प्रतिनिधि (AIR) नामित करना आवश्यक है.

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