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पत्नी की कैंसर से मौत, आर्थिक तंगी; 4 दिव्यांग बेटियों के साथ जिंदगी की जंग हार गया पिता

रंगपुरी

मुफलिसों की जिंदगी का जिक्र क्या, मुफलिसी की मौत भी अच्छी नहीं… रियाज खैराबादी की ये लाइनें उस मजबूर पिता पर सटीक बैठती हैं, जोकि इतना लाचार हो गया कि उसने अपनी दुनिया ही उजाड़ दी. यह कहानी है दिल्ली के वसंत कुंज के रहने वाले हीरा लाल की, जिसने अपनी चार बेटियों को सल्फास की गोलियां खिला दीं और खुद भी जान दे दी. जब घर से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंची और पांचों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

यह घटना शुक्रवार की है. वसंत कुंज साउथ के रंगपुरी में लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि एक फ्लैट से भयंकर बदबू आ रही है. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद था. पुलिस ने दरवाजा खटखटाया तो फ्लैट से कोई बाहर नहीं आया. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़ दिया. पुलिसकर्मी कमरे के अंदर गए तो देखा कि बेड पर हीरा लाल का शव पड़ा था. वहीं दूसरे कमरे में चारों बेटियों के शव पड़े थे. शवों के पास सल्फास की गोलियां बिखरी पड़ी थीं. पुलिस आशंका जता रही है कि पांचों ने सल्फास की गोलियां खाकर जान दी है.

हीरा लाल की आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी…
इसे जानने समझने के लिए हीरा लाल के घर के हालात को जानना होगा. पड़ोसी बताते हैं कि हीरा लाल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. वह कारपेंटर का काम करता था. जैसे-तैसे घर का गुजारा चलाता था. लेकिन हीरा लाल यह काम भी ठीक तरीके से नहीं कर पाता था. क्योंकि उसको चारों बेटियों की देख-रेख करनी पड़ती थी.

बेटियों का दर्द…
हीरा लाल की चारों बेटियों बचपन से दिव्यांग थीं. वह चल नहीं पाती थीं. उनकी देख-रेख हीरा लाल अकेले ही करता था. उसे इस बात की चिंता रहती थी कि उसके बाद चारों बेटियों का ध्यान कौन रखेगा. पड़ोसी बताते हैं कि हीरा लाल परेशान रहता था, लेकिन वह खुद्दार भी था, उसने कभी भी अपनी दिक्कत किसी से साझा नहीं की.

पत्नी की मौत से टूट गया था हीरा लाल
दो साल पहले हीरा लाल को जब पता चला कि उसकी पत्नी को कैंसर हुआ है, तो वह बुरी तरह से टूट गया. लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी. अपनी पत्नी का उसने हर संभव इलाज कराया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. पत्नी की मौत बीते साल हो गई थी. इसके बाद से हीरा सदमे में रहने लगा था. वह चुपचाप रहता था. पड़ोसी बताते हैं कि वह किसी से बात नहीं करता था.

पड़ोसियों ने बताया कि हीरा लाल की चारों बेटियों की उम्र शादी की हो गई थी. लेकिन दिव्यांगता और आर्थिक विपन्नता की वजह से हीरा लाल किसी भी बेटी की शादी नहीं कर पाया था. सबसे बड़ी बेटी का नाम नीतू था, जिसकी उम्र 26 साल थी. इसके बाद 24 साल की निक्की थी. 23 साल की नीरू और 20 साल की बेटी निधि भी दिव्यांग थीं.

क्या बोले पुलिस अधिकारी?
डीसीपी रोहित मीना ने बताया कि वसंत कुंज साउथ पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. मृतक हीरा लाल की उम्र 50 साल बताई जा रही है. वह रंगपुरी में किराए के फ्लैट में रहता था. पड़ोसियों ने ऐसी जानकारी दी थी कि एक फ्लैट से बदबू आ रही है, जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पांचों शवों को बरामद किया था.

बिहार का रहने वाला था
हीरा लाल एक हॉस्पिटल में कारपेंटर के तौर पर काम करता था. वह बिहार का रहने वाला था. हीरालाल के फ्लैट के ठीक सामने कालीचरण परिवार सहित रहता है. कालीचरण के मुताबिक, हीरा किसी से ज्यादा बात नहीं करता था. हाल ही में वह अपनी बेटी को गोद में ले जाता हुआ दिखा था.

पड़ोसी रतन ने बताया कि 3 दिन से हीरा लाल के फ्लैट का दरवाजा बंद था. घर से कोई बाहर नहीं निकला. जब बदबू आने लगी, तब पुलिस को खबर दी गई. हीरा 28 साल से दिल्ली में नौकरी कर रहा था. वहीं, पुलिस ने मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हीरा के बड़े भाई जोगिंदर को जानकारी दे दी गई है.

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