छत्तीसगढ़

दो करोड़ की ठगी के शिकार व्यवसायी ने होटल के कमरे में लगाई फांसी,एक दिन पहले से रुके थे होटल में

कोलकाता की फर्जी कंपनी के झांसे में परिचितों ने भी निवेश की थी राशि
रकम वापसी नहीं होने पर जमीन रजिस्ट्री के लिए बना रहे थे दबाब

अंबिकापुर

फर्जी कंपनी के झांसे में आकर दो करोड़ की ठगी के शिकार शहर के बौरीपारा निवासी व्यवसायी गुरुपद जायसवाल(60) की होटल में फांसी पर लटकी लाश मिली। बौरीपारा में खुद का पुश्तैनी मकान होने के बाद भी पारिवारिक और आर्थिक कारणों से पिछले कई महीनों से व्यवसायी गुरुपद जायसवाल शहर के नमनाकला में किराए के मकान में निवास कर रहे थे। दो करोड़ की ठगी के शिकार व्यवसायी ने होटल के कमरे में लगाई फांसी,एक दिन पहले से रुके थे होटल दो करोड़ की ठगी के शिकार व्यवसायी ने होटल के कमरे में लगाई फांसी,एक दिन पहले से रुके थे होटल में बुधवार सुबह से वे घर से निकले थे।शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर स्वजन उनकी खोजबीन में लगे थे। लगातार मोबाइल पर घण्टी जा रही थी लेकिन व्यवसायी गुरुपद जायसवाल फोन रिसीव नहीं कर रहे थे। गुरुवार की सुबह उनके एक रिश्तेदार रास्ते से गुजर रहे थे। होटल के सामने उनकी वाहन देखकर घरवालों को फोन किया गया।

घोषित किया फिर भी ले गए मेडिकल कालेज अस्पताल
स्वजन मौके पर पहुंचे तो पता चला कि गुरुपद जायसवाल इसी होटल के कमरे में बुधवार दोपहर 12 बजे से रुके हुए है। संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्वजन के समक्ष होटल के कमरे का दरवाजा खोला तो व्यवसायी गुरुपद जायसवाल की फांसी पर लटकी लाश मिली। कमरे के बेड के ऊपर उनकी फांसी पर लटकी लाश थी। पंखा में उन्होंने रस्सी का फंदा बनाया था।

बेड पर ही उनका चश्मा,मोबाइल रखा हुआ था। इसी कमरे में दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला। इसके अलावा एक कापी भी मिली है। कापी में मृतक व्यवसायी गुरुपद जायसवाल ने कई महीनों से कई पन्नों में जीवन में हो रहे घटनाक्रम का उल्लेख किया है। व्यवसायी गुरुपद जायसवाल कोलकाता की एक कथित कंपनी के झांसे में फंस गए थे। कंपनी ने उन्हें झांसा दिया था कि उन्हें यूरेनियम का भंडार मिला है।

यह अनुमति प्राप्त खदान है। कंपनी द्वारा यूरेनियम का शोधन किया जाएगा। इसमें राशि निवेश करने पर कई गुना लाभ होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दो करोड़ निवेश के बाद कुछ काम नहीं होने पर उन्होंने संबंधित लोगों पर दबाब बनाया तब उन्हें कथित रूप से दो हजार करोड़ का भारतीय रिजर्व बैंक का चेक जारी कर दिया गया था। बैंक में पता करने पर जानकारी मिली कि ऐसा कोई चेक नहीं होता है।यह फर्जी चेक है।

इसके बाद गुरुपद जायसवाल कोलकाता भी गए थे लेकिन न तो कंपनी का पता चला और न ही वे लोग मिले। उस दौरान शहर लौटने के बाद उन्होंने व्यथित होकर हाथ की नस काट आत्महत्या की कोशिश की थी।बरामद सुसाइड नोट में पारिवारिक और आर्थिक परेशानियों,कथित कंपनी में करोड़ों के निवेश था धोखाधड़ी का शिकार होने स्थानीय लोगों, कुछ परिचितों, रिश्तेदारों द्वारा रुपये वापस करने दबाब बनाने का भी उल्लेख है। पुलिस सुसाइड नोट तथा कापी को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। इसमें नामजद लोगों के साथ रुपये लेन देन ,विवाद और ठगी का उल्लेख किया गया है।

यूरेनियम के धंधे में बड़ी रकम निवेश कर ठगी के हुए शिकार
गुरुपद जायसवाल शहर के पुराने जायसवाल परिवार के सदस्य थे। उनकी पैतृक संपत्ति बौरीपारा में थी। उन्होंने अपने जीवन में कई व्यवसाय किया। पिछले दिनों वे कोलकाता की कथित कंपनी के झांसे में आ गए थे। कोलकाता की कथित कंपनी द्वारा यूरेनियम के धंधे में निवेश करने पर कई गुना अधिक लाभ होने का झांसा दिया था। इसमें लगभग उन्होंने दो करोड़ रुपये निवेश कर दिया था। बाद में उन्हें मूलधन भी नहीं मिला। जालसाजों से उनका विवाद भी हो गया था। थाना ,न्यायालय तक यह मामला कथित रूप से पहुंचा था।
स्थानीय परिचितों ने भी किया निवेश ठगी हुए तो बनाया दबाब
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि यूरेनियम के धंधे के नाम पर दो करोड़ रुपये निवेश करने वाले गुरुपद जायसवाल की देखादेखी उनके कुछ परिचितों, रिश्तेदारों ने भी राशि निवेश किया था। वे भी ठगी के शिकार हुए। स्वजन का कहना है कि कोलकाता जाने के बाद संबंधित लोगों ने राशि निवेश किया था लेकिन जब ठगी हुई तो उसके लिए गुरुपद जायसवाल को दोषी ठहराकर उन्हीं से रुपयों की मांग कर दबाब बना रहे थे। इससे गुरुपद जायसवाल मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान रहने लगे थे।
जमीन रजिस्ट्री के लिए बनाया जा रहा था दबाब
कथित यूरेनियम कंपनी में 25 लाख निवेश करने वाले उनके एक परिचित ने ठगी के लिए गुरुपद जायसवाल को जिम्मेदार ठहरा कर राशि मांगना शुरू किया था। गुरुपद जायसवाल आर्थिक रूप से भी टूट चुके थे। परिचित ने बलपूर्वक उनके गोदाम की चाबी ले ली थी। जमीन रजिस्ट्री कराने दबाव बनाया जा रहा था। इससे वे परेशान रहने लगे थे। पैतृक संपत्ति होने के बाद भी किराए के मकान में रहने मजबूर थे।
एक वर्ष पूर्व भी की थी आत्महत्या की कोशिश
व्यवसायी गुरुपद जायसवाल ने एक वर्ष पूर्व भी जीवन से तंग आकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उन्होंने अपने हाथ का नस काट लिया था। समय पर अस्पताल ले जाने के कारण उनकी जान बच गई थी।इस बार उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एक दिन पूर्व ही वे दोपहर के समय होटल में ठहरे थे। रात में भी उन्होंने दरवाजा नहीं खोला था। सुबह दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया गया था,लेकिन कोई जबाब नही मिला था। सुसाइड नोट में ठगी, लेनदेन और जमीन पर बलपूर्वक कब्जा की कोशिश करने का उल्लेख है।
शहर का पुराना परिवार बेटी रहती है बंगलुरू में
व्यवसायी गुरुपद जायसवाल शहर के चर्चित चेहरे थे। वे जीवन में बड़ी तेजी से आगे बढ़ना चाहते थे। शार्टकट में ज्यादा कमाई की इच्छा में उन्होंने कई व्यवसाय किया लेकिन सफल नहीं हुए। भारी मशीनरी बिक्री,मरम्मत के व्यवसायिक संस्थान उन्होंने शहर में खोला था। ज्वेलरी की बड़ी दुकान खोलकर इस धंधे में भी हाथ आजमाया लेकिन सफल नहीं हुए।
रायपुर में भी उन्होंने व्यवसाय की शुरुआत की थी लेकिन उम्मीदों के अनुरूप सफ़ल नहीं हुए। खुदकुशी करने वाले व्यवसायी गुरुपद जायसवाल शहर के बौरीपारा के निवासी थे। उनका परिवार शहर के पुराने परिवारों में से एक है। परिवार के कई सदस्य अब अलग-अलग निवास करते है।उनकी एकमात्र बेटी बंगलुरू में निवास करती है। पति की मौत के बाद पत्नी सदमे में हैं। उनका बयान भी नहीं लिया जा सका है।
बहनों से मांगी माफी, सीबीआइ से प्रकरण की जांच कराने आग्रह
होटल के कमरे से दो पन्ने का सुसाइड नोट पुलिस ने बरामद किया है। इसके साथ ही पिछले कई महीनों से व्यवसायी द्वारा एक कापी में सारे घटनाक्रम लिखे जा रहे थे, उस कापी को भी पुलिस ने बरामद किया है। सुसाइड नोट में कुछ लोगों के नाम का उल्लेख है।जिनके कारण वह परेशान थे। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराने का उल्लेख अपने पत्र में किया है। बहनों को भी उन्होंने पत्र में संबोधित किया है। पत्र में यह उल्लेखित है कि उनके चले जाने के बाद उनके नजदीकी लोगों का शायद कोई नहीं रहेगा। उन्होंने अपनी बहनों से माफी भी मांगी है।

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