पूर्व डिप्टी सीएम के बेटे और बहू को उम्रकैद, हत्या मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा
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मध्य प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री प्यारेलाल कंवर के बेटे हरभजन और उनकी पत्नी को 2021 में अपने छोटे भाई और परिवार के दो अन्य सदस्यों की हत्या के मामले में यहां की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
दंपति के साथ, अदालत ने बुधवार को तीन अन्य को भी अपराध के सिलसिले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जो एक संपत्ति विवाद का नतीजा था.
21 अप्रैल, 2021 को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के उरगा थाना क्षेत्र के भैसमा गांव में हरीश कंवर (40), उनकी पत्नी सुमित्रा कंवर (35) और उनकी बेटी याशिका (4) की उनके घर पर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने धारदार हथियारों से उनके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर कई बार हमला किया.
‘टुकड़ों में काट दिया गया था गला…’
अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने कहा कि हरीश कंवर का गला टुकड़ों में काट दिया गया था.
द्विवेदी ने बताया कि जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (तृतीय) सुनील कुमार नांदे ने बुधवार को हरभजन सिंह कंवर (52), उनकी पत्नी धनकुंवर (39), उनके साले परमेश्वर कंवर (31) और दो अन्य व्यक्तियों रामप्रसाद मन्नेवर (31) और सुरेंद्र सिंह कंवर को दोषी ठहराया. उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 120बी (आपराधिक साजिश), 34 (साझा इरादा) और अन्य प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया. द्विवेदी ने बताया कि हरभजन ने संपत्ति और पारिवारिक विवादों को लेकर अपने भाई की हत्या की साजिश रची थी.
“गेट खुला है, आप लोग आ जाएं”
पुलिस ने आरोपी हरभजन और परमेश्वर के बीच आदान-प्रदान किए गए मोबाइल फोन संदेश को मुख्य सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया. अभियोजक ने बताया कि हरभजन की ओर से परमेश्वर को संदेश भेजा गया “गेट खुला है, आप लोग आ जाएं”. 21 अप्रैल, 2021 की सुबह जब हरभजन, उनकी पत्नी और दो बेटियाँ टहलने के लिए बाहर गए, तो परमेश्वर दो अन्य लोगों के साथ मोटरसाइकिल पर घर पहुंचा और तीनों व्यक्तियों की हत्या कर दी.
हमलावरों ने उस समय घर में मौजूद हरीश और हरभजन की माँ जानकी बाई की हत्या नहीं की. पुलिस ने अपराध के सिलसिले में हरीश के बड़े भाई हरभजन, उसकी पत्नी, साले और दो अन्य को गिरफ्तार किया था.
दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री थे प्यारेलाल कंवर
प्यारेलाल कंवर 1993 से 1998 तक दिग्विजय सिंह की सरकार के दौरान तत्कालीन अविभाजित मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री थे. 2011 में उनका निधन हो गया.