थाने में पदस्थ दंपती ने कॉन्स्टेबल बनाने का सपना दिखाकर ऐंठे 5 लाख, पति गिरफ्तार, पत्नी फरार
धमतरी
जिले में पुलिस दंपती ने रायपुर के राजेंद्र नगर थाने में पदस्थ पति-पत्नी ने पीड़ितों को झांसा दिया था कि उनकी पहचान डीजीपी और गृह मंत्री से है। वे जल्द ही उनकी पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल के पद पर नौकरी लगवा देंगे, लेकिन पीड़ितों को नौकरी नहीं मिली। उनकी शिकायत पर भखारा पुलिस ने गुरुवार को आरोपी संतोष गुरुंग को गिरफ्तार किया है। वहीं, उसकी पत्नी गौरी बंजारे फरार है। गौरी ही मुख्य आरोपी है। हंचलपुर के रहने वाले महादेव गजपाल, शत्रुघ्न साहू और दौलत साहू की पहचान कुछ साल पहले हंचलपुर की रहने वाली गौरी बंजारे से हुई थी। 2017-18 में पुलिस विभाग ने कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इसी के मद्देजनर गौरी ने तीनों को ये कहकर अपने झांसे में लिया कि वो उनकी नौकरी आसानी से पुलिस विभाग में लगवा देगी। तीनों युवक गौरी की बातों में आ गए और चेक, कैश के माध्यम से गौरी को 5 लाख रुपए दे दिए। गौरी ने 16 अक्टूबर 2018 को चेक से 2 लाख रुपए लिए थे। इसके बाद 2 मई 2019 को एक लाख चेक से और 2 लाख रुपए कैश लिए। गौरी कहती रही कि सभी की नौकरी जल्द ही लग जाएगी। इस मामले में गौरी का पति संतोष भी उसका साथ दे रहा था। इधर, पैसे लिए काफी दिन बीत गए थे। पर अब तक तीनों की नौकरी नहीं लग पाई थी। महादेव गजपाल, शत्रुघ्न साहू, दौलत साहू लगातार संतोष और गौरी से बात कर ये पूछते थे कि कब तक नौकरी लगेगी? वे आज-कल का कहकर बात को टाल दिया करते थे। इसी बीच करीब एक साल पहले संतोष-गौरी फरार हो गए। पीड़ितों ने कई बार इनसे संपर्क करने प्रयास किया, लेकिन उनसे कोई बात नहीं हो सकी। पीड़ितों ने संतोष के रायपुर के घर में पता किया पर दोनों का कोई पता नहीं चला। आखिरकार तीनों ने परेशान होकर 23 जून को भखारा पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद से पुलिस इन आरोपियों की तलाश कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी बिलासपुर में छिपा हुुआ है। जिसके बाद मौके पर दबिश देकर संतोष को गिरफ्तार किया है। पुलिस संतोष से पूछताछ कर रही है और गौरी का भी पता लगा रही है।