छत्तीसगढ़

किसान की चमकी किस्मत, ऑनलाइन गेमिंग ऐप में 39 रुपए से कमाए 4 करोड़

बालोद। गुरूर ब्लॉक के भोथली गांव के रहने वाले किसान कीर्तन कुमार साहू ने अपने धैर्य, खेल की समझ और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निरंतर अभ्यास से ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो हर ग्रामीण युवा के लिए प्रेरणा बन गया है।

उन्होंने 39 रुपए लगाकर देश के सबसे बड़े क्रिकेट लीग आईपीएल के सेमीफाइनल मैच में 4 करोड़ रुपए की इनामी राशि जीती है। इस जीत से गांव में हर्ष का माहौल है और कीर्तन खुद को बेहद सौभाग्यशाली मानते हैं।

खेती से करोड़ों तक का सफर

मूल रूप से कृषक परिवार से ताल्लुक रखने वाले कीर्तन साहू खेती-किसानी करते हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने यूट्यूब से ऑनलाइन गेमिंग के गुर सीखे। क्रिकेट के प्रति गहरी रुचि और लगातार अभ्यास के चलते उन्होंने हर मैच में अपनी समझ का इस्तेमाल करते हुए टीम बनाई। आखिरकार सेमीफाइनल में उन्होंने परफेक्ट टीम बनाकर पहला स्थान प्राप्त किया।

सेमीफाइनल बना सपनों का टर्निंग पॉइंट

आईपीएल के सेमीफाइनल में मुंबई वर्सेस पंजाब के मुकाबले में कीर्तन ने अपनी रणनीति से कप्तान और उपकप्तान चुनकर बेहतरीन टीम तैयार की। मैच खत्म होने के बाद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वो करोड़पति बन जाएंगे।अगले दिन जब उन्होंने मोबाइल देखा तो उन्हें यह जानकारी मिली कि उन्होंने प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल कर लिया है। शुरुआत में उन्हें यकीन नहीं हुआ, लेकिन गेमिंग कंपनी की ओर से फोन आने और पैसे खाते में ट्रांसफर होने के बाद यह हकीकत साबित हुई।

दो साल की मेहनत लाई रंग

  • कीर्तन ने बताया कि वे बीते दो वर्षों से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर मेहनत कर रहे थे। उन्होंने कई बार असफलताएं भी देखीं, लेकिन हार नहीं मानी।
  • उनका मानना है कि जीतने के लिए खेल की गहरी समझ और धैर्य बेहद जरूरी है। उनके अनुसार, यह कोई तुक्के का खेल नहीं था, बल्कि उन्होंने रणनीति और अनुभव से यह सफलता हासिल की है।

अब पूरे होंगे सपने

4 करोड़ की राशि जीतने के बाद कीर्तन के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में सपनों की चमक साफ झलक रही है। उन्होंने बताया कि वह इस पैसे से सबसे पहले जमीन खरीदेंगे, एक अच्छी गाड़ी लेंगे और खुद का व्यापार शुरू करना चाहते हैं। उनका कहना है कि यह मेहनत से कमाया गया पैसा है, जिसे वह सोच-समझकर उपयोग में लाएंगे।

गांव में खुशी का माहौल

  • जैसे ही गांववालों को कीर्तन की इस बड़ी उपलब्धि के बारे में पता चला, बधाई देने वालों की कतार लग गई। रिश्तेदार, मित्र और ग्रामीण उनके घर पहुंचे और मिठाइयों के साथ उन्हें शुभकामनाएं दीं।
  • एक छोटे से गांव के किसान ने तकनीक, लगन और आत्मविश्वास से यह साबित कर दिया कि अगर कुछ कर गुजरने की ठान ली जाए, तो बड़ी से बड़ी सफलता भी पाई जा सकती है।

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