लग सकता है महंगी बिजली का झटका: वितरण विभाग ने प्रति यूनिट 20 पैसे की वृद्धि का दिया प्रस्ताव

कोरबा। लोगों को एक बार फिर बिजली का झटका लगने वाला है। बिजली कंपनी ने अपना घाटा कम करने के लिए बिजली बिल में प्रति यूनिट 20 पैसे की बढ़ोत्तरी का मसौदा तैयार किया है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण विभाग घाटा कम करने के लिए जल्द ही नई दरें लागू कर सकती है, नया टैरिफ 1 जुलाई से लागू हो सकता है। इसके बाद विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ेगा, हालांकि विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल अधिकृत आदेश जारी नहीं हुआ है। विद्युत नियामक द्वारा आयोजित जनसुनवाई के बाद ही नई दरें लागू की जा सकती है। दरअसल सीएसपीडीसीएल ने विद्युत नियामक आयोग को 4 हजार 550 करोड़ रुपए के घाटे की जानकारी दी है।
सीएसपीडीसीएल ने इस घाटे को कवर करने के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए विद्युत विभाग कई स्लैब में बिजली बिल की गणना करता है। पहला स्लैब शून्य से 100 यूनिट से शुरू होता है और अंतिम स्लैब 601 यूनिट से अधिक का स्लैब है। हर स्लैब के लिए प्रति यूनिट की दर अलग-अलग है। स्लैब की गणना अलग-अलग की जाती है और फिर बिजली बिल तैयार किया जाता है। वर्तमान प्रस्ताव सभी स्लैब में दरों में बिल की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। बिल में बढ़ोतरी का प्रस्ताव विद्युत वितरण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष टैरिफ में संशोधन का विधेयक पास किया जाता है और इसे विद्युत नियामक आयोग को भेजा जाता है। नियामक आयोग द्वारा ही अंतिम औपचारिकता पूरी की जाती है, जनसुनवाई का भी आयोजन होता है, इसके बाद ही नई दरों को लागू किया जाता है। पिछले वर्ष जून 2024 में भी दरों में बढ़ोतरी की गई थी। अब इस वर्ष फिर से बिल में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। हालांकि ऐसा बेहद कम अवसर होता है, जब वितरण विभाग लगातार दूसरे वर्ष बिजली बिल में की दरों में बढ़ोतरी करे।
वर्तमान स्लैब यूनिट की वर्तमान दर
(रुपये प्रति यूनिट)
0-100 3.90 रुपए
101-200 4.10 रुपए
201-400 5.50 रुपए
401-600 6.50 रुपए
601 से ज्यादा 8.10 रुपए
जारी नहीं हुआ आदेश
सीएसपीडीसीएल एसई पीएल सिदार ने बताया कि, हर वर्ष विभाग द्वारा विद्युत नियामक आयोग को बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा जाता है। टैरिफ में संशोधन का विधेयक पारित किया जाता है, जिसके बाद नियामक आयोग जनसुनवाई करता है, इसके बाद ही बढ़ोतरी होती है। अधिकृत आदेश जारी नहीं हुआ है।