भुइयां ऐप में पटवारी की आईडी हैक कर गड़बड़ी, चार गांव की 765 एकड़ सरकारी और निजी जमीन का सौदा

दुर्ग: भिलाई दुर्ग में भू माफियाओं ने सैकड़ों एकड़ सरकारी और निजी जमीन को निजी व्यक्तियों के नाम दर्जकर उसका सौदा कर दिया है. इतना ही नहीं सरकारी जमीन को बैंक में गिरवी रखकर करोड़ों रुपयों का लोन भी पास कर लिया गया है.
पूरा मामला दुर्ग जिले के मुरमुंदा पटवारी हल्का का है. जहां एक ही पटवारी हल्का में भू माफियाओं ने बड़े जमीन घोटाले को अंजाम दिया है. मुरमुंदा पटवारी हल्का के ग्राम मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा, बोरसी गांवों में बड़े पैमाने पर जमीनों की हेराफेरी पकड़ी गई है. भू माफियाओं ने चारों गांव के 765 एकड़ से अधिक शासकीय और निजी जमीनों का फर्जी तरीके से बटांकन कर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दिया.
इस मामले में जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के भू-राजस्व अभिलेख शाखा के आयुक्त को भी मामले की जानकारी दी है. जिसके बाद विभाग ने आनन फानन में जांच शुरू की. जांच में खुलासा हुआ कि मुरमुंदा हल्का क्रमांक 16 पटवारी की आईडी हैक कर जमीन घोटाले को अंजाम दिया गया है.
दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने बताया ” लगभग 765 एकड़ जमीन में हेराफेरी की गई. दूसरे जिले से मुरमुंदा हल्का के पटवारी का आईडी पासवर्ड हैक कर शासकीय और प्राइवेज जमीन में काफी गड़बड़ी की शिकायत आई थी. धारा 115\16 के तहत एसडीएम ने प्रकरण दर्ज किया. जितनी भी गड़बड़ी हुई उसे ठीक कर लिया गया है. भूस्वामी में गड़बड़ी को ठीक कर दिया गया है.”
आयुक्त ने बताया कि आईडी कैसे हैक हुई है कि इसके बारे में एनआईसी से क्लियर जानकारी नहीं मिल पाई है. जैसे ही इसकी जानकारी मिलेगी, कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इस जमीन घोटाले में एक बड़ा सिंडिकेट द्वारा शासकीय और निजी जमीन दूसरे के नाम पर किए जाने का खुलासा हुआ है. सिंडिकेट के तार रायपुर, दुर्ग,जांजगीरी चांपा, रायगढ़, कोरबा समेत अन्य जिलों से भी जुड़े हैं. इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने दिनूराम यादव पिता सूरज यादव, एसराम पिता बुधराम, शियाकांत वर्मा, हरिशचन्द्र निषाद, सुरेन्द्र कुमार, जयंत समेत कई नामों पर फर्जी तरीके से शासकीय जमीनों का बोगस खसरा दर्ज कर दिया. इसके बाद फर्जी ऋण पुस्तिका के माध्यम से बैंक से लोन भी पास करा लिया गया.
दिनूराम यादव को 25 जून 2025 को करीब 46 लाख और एक अन्य शाखा से दूसरे किसान को 2 जुलाई 2025 को 36 लाख रुपये लोन की अप्लाई किया था.किसान की ऋण पुस्तिका की पड़ताल करने पर जमीन घोटाले का खुलासा हुआ.
जमीन की हेराफेरी में मुरामुंदा में 75 हेक्टेयर शासकीय और 22 हेक्टेयर निजी जमीन, अछोटी में शासकीय 45.304 हेक्टेयर और 27.087 निजी जमीन, चेटवा में शासकीय 87.524 हेक्टेयर जमीन और बोरसी में 47.742 हेक्टेयर निजी जमीनों को दूसरे के नाम कर गड़बड़ी की गई है.



