छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में अब दवाएं मिलेगी आधी कीमतों पर, 169 शहरों में श्री धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर खुलेंगे, CM बघेल 20 अक्टूबर को करेंगे योजना की शुरुआत

रायपुर

छत्तीसगढ़ में सरकार सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है। श्री धनवंतरी दवा योजना के नाम से प्रस्तावित इस योजना के तहत प्रदेश के 169 शहरों में 188 मेडिकल स्टोर्स खोले जाएंगे। इन दुकानों से दवा के अधिकतम खुदरा बिक्री मूल्य (MRP) में 50 प्रतिशत से अधिक की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अक्टूबर को इस योजना की औपचारिक शुरुआत करने वाले हैं। योजना की शुरुआत 85 श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स के साथ की जाएगी। शेष दुकानें भी अक्टूबर महीने के अंत तक खुल जानी हैं। योजना के अगले चरण में इन दुकानों से दवा की घर पहुंच सेवा की भी व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया, अब सस्ती दवाएं सभी की पहुंच में होंगी। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इससे दवाइयों पर होने वाले खर्च का बोझ कम हो सकेगा। इस योजना के माध्यम से हम सब्बो स्वस्थ-जम्मो सुग्घर की परिकल्पना को साकार करने में सफल होंगे। इस योजना का संचालन नगरीय प्रशासन और विकास विभाग करने वाला है। विभाग मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का संचालन पहले से ही कर रहा है। अधिकारियों ने बताया, इन दुकानों में 251 दवाइयों, 27 सर्जिकल आइटम सहित विभिन्न औषधि सामग्री उपलब्ध रहेगी। लघु वनोपज संघ द्वारा निर्मित गुणवत्तापूर्ण हर्बल उत्पाद भी इन दुकानों में उपलब्ध रहेंगे। इन दुकानों में देश की ख्याति प्राप्त कंपनियों की जेनरिक दवाइयों की बिक्री की जाएगी। सर्दी, ख़ांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर जैसी आम बीमारियों के साथ-साथ गंभीर बीमारियों की दवाएं, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आइटम भी उपलब्ध रहेंगे। अधिकारियों ने बताया, इन दुकानों पर सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एक मॉडल बनाया है। इसके तहत श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालकों को 2 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से नगर पालिक निगमों ने किराए पर दुकानें उपलब्ध हैं। इन मेडिकल स्टोर्स से अन्य योजनाओं में भी दवाइयां खरीदने का आश्वासन दिया गया है। योजना की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित UPSS को प्रदान की गई है। केंद्र सरकार की एक योजना के तहत जेनरिक दवाओं की दुकान जन औषधि केंद्र पहले से संचालित हैं। जन औषधि केंद्र अधिकतर सरकारी अस्पतालों के आसपास ही हैं। कई जिलों में इन केंद्रों की हालत खराब है।

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