छत्तीसगढ़

पीएम मोदी की सभा से पहले बस्तर संभाग में नक्सलियों ने की चार ग्रामीणों की हत्या, किया था अगवा

कांकेर

कांकेर में इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पीएम मोदी के सभा से पहले नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में तीन ग्रामीणों की हत्या कर दी है। पूरा मामला पखांजूर क्षेत्र के छोटे बेटियां थाना अंतर्गत मोरखंडी गांव का है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने मोरखंडी गांव से पांच ग्रामीणों को अगवा किया था। जिसमें तीन ग्रामीणों की मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या कर दी है। मृतकों की पहचना कुल्ले कतलामी (35), मनोज कोवाची (22), डुग्गे कोवाची (27) के रूप में हुई है।

बीजापुर में एक ग्रामीण की हत्या
नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में एक ग्रामीण की रस्सी से गला घोंटकर कर हत्या कर दी और चुनाव अधिकारियों को सात नवंबर को मतदान कराने के लिए मतदान केंद्रों पर नहीं जाने की चेतावनी दी। ग्रामीण की हत्या कर नक्सलियों ने शव को नडपल्ली व गलगम के बीच सड़क पर फेंक दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार की दरमियानी रात बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के गलगम निवासी ग्रामीण मुचाकी लिंगा पिता मल्ला उम्र 40 की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। नक्सलियों ने ग्रामीण की हत्या के बाद गलगम व नडपल्ली के बीच सड़क में शव को फेंक दिया। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

एक अन्य घटना में मतदान अधिकारियों के लिए चेतावनी वाला एक नोट भेजा गया है। यह नोट स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी द्वारा जारी किया गया था। जिसमें चुनाव अधिकारियों को सात नवंबर को मतदान कराने के लिए मतदान केंद्रों पर नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। बीजापुर उन 20 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जहां 7 नवंबर को दो चरणों वाले राज्य विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा। कुल 90 सीटों में से शेष 70 सीटों के लिए मतदान 17 नवंबर को दूसरे चरण में होगा।

क्या चाहते हैं नक्सली?
पीएम मोदी की सभा से पहले नक्सलियों ने फिर दहशत फैलान की कोशिश की है। चुनाव के समय नक्सलियों ने फरमान जारी कर कहा था कि चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी गांव से दूरी बनाकर रखें, चुनाव में सहयोग ना करें। ऐसा नहीं करने पर नक्सलियों ने गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। इस वजह से इस बार कई मतदान केंद्र गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर बनाए गए हैं। खुद मतदानकर्मियों ने हाल ही में कहा था कि यदि गांव के पास गए तो शहीद हो जाएंगे।

गरमाई बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति
दूसरी और नक्सलियों की इस कायराना हरकत से बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति गरमा गई है। वो फिर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगा रहे हैं। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस सरकार बस्तर संभाग में सुरक्षा नहीं दे पा रही है। लोगों की रक्षा नहीं कर पा रही है। नक्सलियों से भय और आतंक का माहौल बना हुआ है। पार्टी के कई नेताओं की भी नक्सली हिंसा में हत्या हो चुकी है। पीएम मोदी की सभा से पहले इस तरह की वारदात भूपेश सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ बीजेपी मीडिया विभाग के इंचार्ज अमित चिमनानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव में हार के डर से कांग्रेस हिंसा पर उतर आई है। बीजेपी पहले से ही कहती रही है कि कांग्रेस हिंसा के जरिए चुनाव को प्रभावित करना चाहती है। इससे पहले टारगेट किलिंग और अब नक्सलियों की ओर से चार ग्रामीणों की हत्या इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि कांग्रेस हिंसा का सहारा ले रही है। भूपेश सरकार बीजेपी नेताओं को सुरक्षा नहीं दे पा रही है।

वहीं, कांग्रेस नेता दावा कर रहे हैं कि भूपेश सरकार में नक्सली वारदातों में कमी आई है। केंद्र सरकार बस्तर में सुरक्षा के नाम पर सहयोग नहीं कर रही है। पर्याप्त मात्रा में फोर्स की व्यवस्था नहीं कर पा रही है।

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