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दिवाली से पहले ही दमघोंटू हुई दिल्ली की हवा! सुबह-सुबह आसमान में छाई धुंध, जानें AQI

नई दिल्ली

दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद समेत एनसीआर के इलाकों में हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही है. आज (सोमवार), 23 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में चारों तरफ धुंध की चादर छाई हुई है. धुंध की वजह से विजिबिलिटी भी काफी कम है.

सर्दी के मौसम की शुरुआत से ही दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण का स्तर एक बड़ी समस्या है. आसमान में धुंध और स्मॉग की चादर छाने से सबकुछ धुंधला नजर आता है. प्रदूषण से निपटने के लिए एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (AQI) के आधार पर ग्रेडेड रेस्‍पांस एक्‍शन प्‍लान (GRAP) लागू किया जाता है. GRAP के चार स्टेज हैं. बढ़ते प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में अब GRAP-1 के साथ GRAP-2 की पाबंदियां भी लागू हैं, लेकिन प्रदूषण की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद नहीं है.

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रविवार रात 8 बजे 307 दर्ज किया गया. वहीं, आज (सोमवार), 23 अक्टूबर की बात करें तो सुबह 7 बजे कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार दर्ज किया गया है, जो कि बहुत खराब कैटेगरी में आता है.

एरिया AQI
ITO 309
आनंद विहार 349
जहांगीरपुरी 346
बवाना 330
द्वारका सेक्टर 8 318
बुराड़ी 322
पूर्वानुमान के मुताबिक, हवा की रफ्तार कम होने के चलते आने वाले चार-पांच दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार यानी बहुत खराब कैटेगरी में रह सकता है. बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है.

स्टेज 1-AQI का स्तर 201 से 300 के बीच
स्टेज 2-AQI का स्तर 301 से 400 के बीच
स्टेज 3-AQI का स्तर 401 से 450 के बीच
स्टेज 4-AQI का स्तर 450 के ऊपर
स्टेज 1 पर लगती हैं ये पाबंदियां

स्टेज 1 (खराब हवा की गुणवत्ता) लागू होने पर सीएक्यूएम 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक आकार के भूखंडों पर निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश देता है.

कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन को लेकर निर्देश लागू होंगे.
सड़कों पर जमी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा.
खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करने पर जुर्माना वसूला जाएगा.
जहां ट्रैफिक ज्यादा होता है, वहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी.
PUC के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा. गाड़ियां बिना PUC के नहीं चलेंगी.
एनसीआर में कम से कम बिजली कटौती होगी. डिजल जनरेटर का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं होगा.
स्टेज 2 पर लगती हैं ये पाबंदियां

हर दिन सड़कों की सफाई होगी. जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा.
होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा.
अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डिजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा.
लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए पार्किंग फीस बढ़ा दी जाएगी.
इलेक्ट्रिक या CNG बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे.
दिवाली पर गंभीर होगी समस्या!

जानकारों की मानें तो हवा में धूल के कण, कार्बन मोनो ऑक्साइड की मौजूदगी मानकों से कई गुना ज्यादा है. दशहरा पर जगह-जगह रावण दहन होगा. पटाखों पर पाबंदी के बावजूद आतिशबाजी भी देखने को मिल रही है. वहीं, कुछ दिन बाद दिवाली भी है, ऐसे में साफ है कि आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी और खराब हो सकता है.

दिल्‍ली में 1 जनवरी 2024 तक पटाखे बैन
दिवाली से पहले ही दिल्‍ली में पटाखों पर बैन लगा है. दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी (DPCC) की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में एक जनवरी 2024 तक के लिए पटाखों पर बैन लगाया गया है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 11 सितंबर को पटाखे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पल्यूशन) एक्ट 1981 के रूल 20(ए)(6) के तहत पटाखों के निर्माण, स्टोरेज, सेल (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन डिलिवरी) और पटाखे जलाने पर पूरी दिल्ली में 1 जनवरी 2024 तक बैन है.

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