रेडी टू ईट मामला: HC ने नहीं लगाई है रोक, सरकार अपना निर्णय लागू करने को स्वतंत्र

बिलासपुर
रेडी टू ईट मामले में शासन के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती देने के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। 5 स्वसहायता समूह ने इस मामले में याचिका दायर की है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए शासन व अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 जनवरी तय की गई है। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित की जाने वाली रेडी टू ईट फूड को अब ऑटोमेटिक मशीनों से उत्पादन का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से स्व सहायता समूहों की 20 हजार महिलाएं प्रभावित हो रही हैं। बीते 22 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। जिसको लेकर 5 स्व समूह ने हाईकोर्ट की शरण ली है। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि सरकार के इस निर्णय में उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। अब उनके सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है। वहीं महाधिवक्ता कार्यालय के अवर सचिव महादेव आगरकर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर न्यायालय को यह अवगत कराया है कि महिला समूहों को उनका मूल कार्य जो की रेडी टू ईट फूड को गरम पकाना एवं बच्चों को वितरित करना, ट्रांसपोर्ट करना है। अर्थात जो मूल कार्य है वह करने की अनुमति राज्य सरकार पूर्व में ही दे चुका है। और उनके हितों की रक्षा राज्य सरकार कर रही है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोर्ट ने राज्य सरकार के निर्णय पर किसी भी तरह से रोक नहीं लगाई है। अत: राज्य सरकार अब स्वतंत्र है कि वह अपने निर्णय अनुसार इस काम को आगे बढ़ा सकती है।