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रोबोट जाएगा सुरंग के अंदर, बुलाए गए ड्रोन मैन मिलिंद राज, जानें कौन हैं ये

उत्तरकाशी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को फंसे 15 दिन गुजर चुके हैं और सोमवार (27 नवंबर) को 16वां दिन है. कभी मशीन खराब हो जाती है तो कभी कुछ और, मतलब रेस्क्यू ऑपरेशन के काम में बार-बार कोई न कोई रुकावट आ जाती है और ऑपरेशन बीच में ही रोकना पड़ता है. बीते शनिवार को ऑपरेशन आखिरी चरण में था और अमेरिकी ऑगर मशीन से सुरंग में 48 मीटर की ड्रिलिंग कर ली गई थी, सिर्फ 12 से 14 मीटर और ड्रिल करना था, लेकिन बीच में ही मशीन खराब हो गई. अब मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग यानी सुरंग के ऊपर के पहाड़ की खुदाई की जा रही है.

15 दिन से मजदूर सुरंग के अंदर हैं. वहां उनकी सेहत कैसी है और उनकी मेंटल हेल्थ कैसी है, वह कैसा महसूस कर रहे हैं, इसका पता लगाने के लिए ड्रोन के जरिए मजदूरों से संपर्क किया जाएगा. ड्रोन के जरिए मजदूरों का हाल चाल लिया जाएगा. इस काम के लिए भारतीय सेना ने ड्रोन मैन मिलिंद राज से संपर्क किया है, जो अपनी रोबोटिक्स इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करके 41 मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करेंगे. आइए पहले जानते हैं कौन हैं मिलिंद राज और फिर जानेंगे कैसे वह रेस्क्यू ऑपरेशन में काम करेंगे.

कौन हैं ड्रोन मैन मिलिंद राज?
लखनऊ के रहने वाले मिलिंद राज एक रोबोटिक साइंटिस्ट हैं, जो तकनीकी तौर पर भारतीय सेना को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. मिलिंद राज का दावा है कि उन्होंने जो ड्रोन बनाए हैं, वे पाकिस्तान और चीन की नापाक साजिशों को चकनाचूर कर देंगे. उनका कहना है कि उनके द्वारा बनाए गए ड्रोन्स का इस्तेमाल भारतीय सेना में किया जा रहा है और वह कई और ऐसे ड्रोन बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जो भविष्य में सेना के काम आएंगे. इतना ही नहीं कृषि, मेडिकल सहायता और रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भी उनके बनाए ड्रोन काम कर सकते हैं.

उनका कहना है कि 2 से 3 मीटर तक जमीन के अंदर मिट्टी की स्थिति और बीज की वृद्धि का ड्रोन के जरिए पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा, अगर कोई हादसा हो जाए तो एंबुलेंस की तुलना में ड्रोन से जल्दी घायलों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सकती है और रेलवे ट्रैक पर पहले से ही ड्रोन को लगाकर मॉनिटरिंग की जा सकती है. अगर ट्रैक पर कोई दिक्कत है तो उसका पहले ही पता कर रेल हादसों को रोका जा सकता है.

कैसे मिला ड्रोन मैन का टाइटल?
विज्ञान के क्षेत्र में मिलिंद राज को उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए बहुत तारीफें मिलती हैं. उनके इन कामों से पूर्व राष्ट्रपति और साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम भी काफी प्रभावित थे. उन्होंने ही मिलिंद राज को ‘ड्रोन मैन ऑफ इंडिया’ का टाइटल दिया था. फरवरी 2023 में लखनऊ में हुए इनवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलिंद राज को खूब वाहवाही मिली थी.

सुरंग से 41 मजदूरों को निकालने में कैसे काम करेंगे ड्रोन?
मिलिंद राज ने बताया कि मजदूरों को इंटरनेट जैसे सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी ताकि वह अपने घरवालों से संपर्क कर सकें क्योंकि ऐसी स्थिति में उनके लिए यह बहुत जरूरी है. उनके लिए जरूरी है कि उन्हें पता चले कि उनको बाहर निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और वह जल्द ही टनल से बाहर आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की मेंटल हेल्थ ठीक रहना बहुत जरूरी है. उन्हें न वहां धूप मिल पा रही है और कई तरह की समस्या हैं. ऐसी स्थिति में अगर वह फिजिकली फिट हैं, लेकिन मेंटली ठीक नहीं हैं तो उनके मेंटल वेल बींग पर ध्यान देना जरूरी है.

मिलिंद राज ने बताया, ‘इस रोबोट में हम अल्ट्रा वॉयलेट सिस्टम का भी इस्तेमाल करेंगे क्योंकि जर्म्स को मारने में यह काम आती हैं ताकि मजदूर बीमार न हों और उनकी मानसिक स्थिति ठीक रहे. अगर वो अपनी कोई बात कहना चाहते हैं तो जैसे उदाहरण के तौर पर कोई शख्स लिफ्ट में फंस जाता है तो वह घबरा जाता है और अगर बाहर खड़े आदमी से उसकी बात हो जाए तो वह शांत हो जाता है. ये लोग तो 16 दिन से टनल में फंसे हुए हैं तो ये ड्रोन उनको आश्वासन देगा कि कोई पूरा टाइम बाहर से उन्हें देख रहा है और अगर उनकी सेहत में गिरावट आती है तो पूरे टाइम उनके लिए चिकित्सा रहेगी.

वीडियो कॉल पर घरवालों से बात कर सकेंगे मजदूर
मिलिंद राज ने आगे कहा कि मजदूरों तक सामान पहुंचाने के लिए जो पाइप बनाए गए हैं, उन्हें लाइफ लाइन कहते हैं, जिनके जरिए उन्हें मोबाइल फोन भेजे गए हैं, लेकिन वहां इंटरनेट ही नहीं आता है तो ये सर्विस इंटरनेट भी उन्हें देगा. इस तरह वह अपने रिश्तेदारों और परिजनों को वीडियो कॉल, वॉट्सएप कर सकते हैं, संपर्क में रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये मिशन एक तो रूट की वजह से बहुत चैलेंजिंग है, ऊपर से यह एक पहाड़ी इलाका है. पहाड़ी इलाका सेफ नहीं होता है और ये लैंडस्लाइड प्रोन इलाका है.

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