महिला के मोबाइल पर आया फर्जी ट्रैफिक ई-चालान का लिंक, क्लिक करते ही मोबाइल हो गया हैक, साइबर ठगों ने बैंक अकाउंट किया खाली

रायपुर। राजधानी रायपुर के टिकरापारा इलाके में फर्जी ई-चालान लिंक के जरिए साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। संजय नगर निवासी एक महिला का मोबाइल हैक कर ठगों ने उनके बैंक खाते से 5 लाख 12 हजार 900 रुपये उड़ा लिए। इससे पहले दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर में पार्षदों व कारोबारियों से ठगों ने करीब 10 लाख रुपये हड़पे थे।
टीकरापारा पुलिस के अनुसार संजय नगर की रहने वाली अर्चना भदौरिया के व्हाट्सऐप पर 15 सितंबर की सुबह एक मैसेज आया, जिसमें 1,000 रुपये का ई-चालान भरने का लिंक दिया गया था। मैसेज देखकर वह घबरा गई कि उनका चालान कैसे कट गया। उन्होंने लिंक खोला तो उनका मोबाइल हैक हो गया। फोन कुछ देर तक काम ही नहीं कर रहा था और बाद में वाट्सएप का सारा डेटा डिलीट हो गया।
इसके दो दिन बाद बुधवार 17 सितंबर की सुबह 6 बजे उनके मोबाइल पर ओटीपी आया और कुछ ही मिनटों में अलग-अलग किस्तों में खाते से 5.12 लाख रुपये निकाल लिए गए। मैसेज देखकर वह सकते में आ गई। परिचितों से चर्चा करने के बाद उन्होंने बैंक जाकर खाता ब्लॉक कराया और फिर टीकरापारा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने ठग के खाते को होल्ड करवा दिया है और अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
परिवहन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
लगातार बढ़ रही ठगी की घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने विशेष एडवाइजरी जारी की है। साइबर ठग पुलिस और आरटीओ के नाम से नकली मैसेज भेज रहे हैं। इनमें लिंक या एप डाउनलोड कराकर लोगों की निजी जानकारी चुराई जाती है।
- बैंक, पुलिस या किसी भी सरकारी विभाग की ओर से कभी वाट्सएप या मैसेज पर लिंक नहीं भेजा जाता। ऐसे लिंक को नजरअंदाज करें या तुरंत डिलीट कर दें।
- मोबाइल और बैंकिंग एप में हमेशा टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक लॉक रखें। ओटीपी साझा न करें, चाहे सामने वाला खुद को बैंक अधिकारी या पुलिस ही क्यों न बताए।
- अनजान कॉल या मैसेज के जरिए मिलने वाले लिंक या अटैचमेंट को कभी न खोलें।
- कोई संदिग्ध लेन-देन दिखे तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कर सकते है।
- असली ई-चालान की जानकारी केवल echallan.parivahan.gov.in वेबसाइट पर ही उपलब्ध है।
- चालान चेक करने के लिए पोर्टल पर जाकर चालान नंबर और कैप्चा डालना होगा, जिसके बाद ओटीपी के जरिए ही विवरण देखा जा सकता है।



