रायपुर

सिद्धार्थ अपहरण कांड के दो और आरोपित बनारस से गिरफ्तार, 1 करोड़ रूपए के लिए किया था किडनैप

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राजधानी रायपुर के डीडी नगर थाना क्षेत्र में 2 जून को हुए सिद्धार्थ अपहरण कांड के 2 और आरोपित को गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस ने दोनों आरोपितो को बनारस से गिरफ्तार किया है। पुलिस दिनों आरोपितों को आज कोर्ट में पेश करेगी। दोनों आरोपितों का नाम नीलेश और वरुण हैं। बता दें कि इससे पहले पुलिस दो आरोपित को गिरफ्तार कर चुकी है। इस अपहरण कांड के मास्टरमाइंड आरोपित अंकित मिश्रा और राज तोमर को पुलिस ने तीन दिन बाद ही गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि 2 जून को डीडी नगर थाना क्षेत्र के सुंदर नगर से वालपेपर सप्लाई का काम करने वाले कारोबारी सिद्धार्थ आशटकर का अपहरण हुआ था। इसका मुख्य आरोपित पुराना किराएदार अंकित मिश्रा था। अंकित पांच वर्ष तक सिद्धार्थ के घर में किराए से रहा है। दो माह से वह अम्लेश्वर दुर्ग में किराए का मकान लेकर रह रहा था। आरोपित ने ड्राइवर और ग्वालियर के अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर सिद्धार्थ का अपहरण करके एक करोड़ की फिरौती मांगी थी।

कारोबारी सिद्धार्थ और आरोपित अंकित पूर्व परीचित थे। सिद्धार्थ बाइक राइडिंग गैंग का सदस्य भी है। उसे बाइक खरीदनी थी। उसने पिता से पैसे मांगे थे लेकिन पिता ने देने से मना कर दिया था। सिद्धार्थ ने लगभग छह माह पूर्व अंकित के सामने कहा था कि अगर कोई मेरा अपहरण कर ले तो पिता गाड़ी के लिए पैसे दे देंगे। उन पैसों को सभी को बांटकर मैं गाड़ी ले लूंगा। हालांकि सिद्धार्थ ने पुलिस को कहा कि यह बात उसने मजाक में कही थी। उसी बात को अंकित ने अपने दिमाग में बैठाई और अपहरण की योजना बना दी।

एक माह से बना रहा था योजना

पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपित अंकित मिश्रा ने बताया, कि वो बीते एक माह से सिद्धार्थ के अपहरण की योजना बना रहे थे। अंकित ने शहर के बाहर निकलने वाले रास्तों की रेकी भी की थी। वारदात के एक दिन पहले ग्वालियर से सभी आरोपित किराए की गाड़ी से रायपुर पहुंचे थे। घटना की रात आरोपित दुकान में वाल पेपर के बहाने घुसे और सिद्धार्थ से मारपीट की और उसे जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर फरार हो गए। आरोपित राज पचपेड़ी नाका के पास गाड़ी से उतरा और उसके अन्य आरोपित साथी सिद्धार्थ को लेकर आगे बढ़ गए। आरोपित अंकित मिश्रा सिद्धार्थ आशटकर के पिता द्वारा हाल ही में निर्मित कराया गया करोड़ों रुपये कीमत के मकान को देखकर एवं उसके पास बहुत पैसा है सोचकर अपने साथी आरोपित राज तोमर के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई थी।

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