छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के दिव्यांग चित्रकार को राष्ट्रीय पुरस्कार : राष्ट्रपति मुर्मू ने बसंत साहू को किया सम्मानित

धमतरी। जिले के कुरुद निवासी और देशभर में अपनी कला के लिए पहचाने जाने वाले चित्रकार बसंत साहू को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर सम्मानित किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2025 के तहत उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन कलाकार’ की श्रेणी में यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया।

95% दिव्यांग, पर हौसले 100% बसंत
52 वर्षीय बसंत साहू 95% दिव्यांग हैं, लेकिन व्हीलचेयर पर बैठकर उन्होंने रंगों के माध्यम से दुनिया को एक अनोखी दृष्टि दी है। पिछले 30 वर्षों से वे लगातार पेंटिंग बना रहे हैं, और एक पेंटिंग को पूरा करने में उन्हें लगभग चार से पाँच दिन लग जाते हैं।

कला प्रेमियों के अनुसार, बसंत की पेंटिंग्स में सौंदर्य, संवेदनशीलता और गहराई का अद्भुत मेल दिखाई देता है। जीवन के संघर्षों से जूझ रहे लोगों के लिए वे जीवंत प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी कला यह संदेश देती है कि ‘दिव्यांगता शरीर में होती है, मन में नहीं।’

दया नहीं, सम्मान की जरूरत- राष्ट्रपति मुर्मू
समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक अन्य दिव्यांग कलाकार गायत्री गुप्ता को भी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा ‘किसी समाज को तभी विकसित कहा जा सकता है, जब दिव्यांगजनों के साथ समानता और सम्मान का व्यवहार हो। उन्हें दया नहीं, गरिमा और अवसरों की आवश्यकता है।’

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