जांजगीर चांपा

नैला में भव्य दुर्गोत्सव की तैयारी: हीरे-मोती और रत्नों से जड़ित होगी माँ की प्रतिमा, स्वर्ण कमल में विराजेंगी मां दुर्गा

जांजगीर-चांपा

नैला में दुर्गा पूजा के लिए बनाए जा रहे विशाल पंडाल में हीरे-मोती और रत्नों से जड़ित 35 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस बार मुख्य आकर्षण स्वर्ण कमल होगा, जिसमें मां दुर्गा विराजमान रहेंगी। वहीं उनके सिर पर चांदी की छत्र लगाई जाएगी। करीब 20 फीट व्यास वाले चांदी के छत्र के नीचे स्वर्ण कमल में मां दुर्गा विराजमान रहेंगी।

जिले में इस साल भव्य रूप से दुर्गा पूजा मनाने की तैयारी की जा रही है। यहां का नैला दुर्गोत्सव देश-प्रदेश में मशहूर है। इस बार यहां दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर 110 फीट ऊंचा भव्य प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है। नैला स्टेशन में बनने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा हर साल एक से बढ़कर एक होती है। चाहे हीरे-मोती और नवरत्नों से जड़ित प्रतिमा हो या 50, 200, 500 और 2000 रुपए के नए नोटों से सुसज्जित मां दुर्गा की मूर्ति। हालांकि कोरोना महामारी के कारण नैला में पिछले 2 साल से दुर्गा पूजा बहुत ही सामान्य तरीके से गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाई जा रही थी, लेकिन इस साल पूरे धूमधाम से इसका आयोजन होने वाला है।

इस बार भी श्रीश्री दुर्गा पूजा उत्सव सेवा समिति ने दुर्गोत्सव के लिए खास तैयारियां की हैं। यहां दुर्गा पूजा में न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं। समिति के अध्यक्ष राजेश पालीवाल ने बताया कि मां दुर्गा की प्रतिमा सोने से तैयार स्वर्ण कमल में विराजमान होगी। करीब 40 फीट व्यास वाला कमल का फूल बनेगा, जिसमें सोने की परत चढ़ेगी। 2 फीट व्यास वाला चांदी का छत्र तैयार हो रहा है। स्वर्ण कमल बनाने के लिए बंगाल के कारीगरों से चर्चा चल रही है। वहीं प्रवेश द्वार दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तरह होगा, जिसकी ऊंचाई 110 और चौड़ाई 100 फीट रहेगी। मां दुर्गा की प्रतिमा के अगल-बगल इस बार भगवान शिव का पूरा परिवार रहेगा। भगवान श्री गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और भगवान शंकर की 10-10 फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित की जाएगी। साथ ही पूरे डोम पंडाल में विशेष लाइटिंग प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेगी।

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