छत्तीसगढ़

गणेश उत्सव में घर-घर विराजेंगे इको फ्रेंडली गणपति, समूह की महिलाएं बना रहीं रीपा में प्रतिमाएं

सीमार्ट तथा स्थानीय बाजार में विक्रय हेतु प्रतिमाएं उपलब्ध, सुंदर प्रतिमाओं की ओर स्वयं आकर्षित हो रहे लोग

अम्बिकापुर

इस गणेश उत्सव जिले में स्व सहायता समूह की महिलाएं भगवान गणेश की मूर्तियां बना रहीं हैं, जैसे-जैसे गणेश उत्सव का त्योहार पास आ रहा है ये महिलाएं दोगुनी मेहनत के साथ मूर्तियां तैयार करने में जुट गई हैं। समूह द्वारा तैयार मूर्तियां विक्रय हेतु सी मार्ट में उपलब्ध हैं, महिलाओं द्वारा स्थानीय बाजारों में भी स्टॉल लगाए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं की नजर जैसे ही इन सुंदर मूर्तियों पर पड़ रही है, वे स्वयं आकर्षित होकर मूर्तियां खरीद रहे हैं। सीमार्ट में घरेलू सामान खरीदने आए राहुल सिन्हा ने बताया कि मैंने यहां गणेश प्रतिमाएं देखीं, मुझे बताया गया कि ये मिट्टी की बनी प्रतिमाएं हैं। मैंने तुरंत 350 रुपए में एक प्रतिमा खरीद ली, मिट्टी की बनी इको फ्रेंडली प्रतिमाएं पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाती हैं।
गौरतलब है कि रीपा गौठान मेन्ड्राकला में गणेश प्रतिमा निर्माण उत्पादक समूह कर्मी और शक्ति समूह तथा रीपा गौठान कुंवरपुर की प्रगति महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मूर्तियां तैयार की जा रहीं हैं। शक्ति समूह की दीदी विमला बताती हैं कि ये मूर्तियां पुरी तरह से मिट्टी से बनाई गईं हैं। हम सब ने मिलकर बड़ी संख्या में मूर्तियां तैयार कर ली है, पहले हमने यह कार्य ऑर्डर पर शुरू किया था, मूर्तियों के विक्रय से दोगुने से भी अधिक लाभ हुआ है, इसी को देखते हुए हमने मूर्तियों का निर्माण जारी रखा है। प्रगति स्व सहायता समूह की दीदी ने बताया कि उन्हें यह कार्य करके बहुत प्रसन्नता हो रही है समूह की महिलाएं उत्साहपूर्वक प्रतिमाएं तैयार करने में जुटी हैं, शासन-प्रशासन ने उन्हें रोजगार का अच्छा माध्यम दिया है। उनके लिए सबसे बड़ी खुशी की बात तो यह है कि उनके हाथों से निर्मित प्रतिमाएं घरों-घर पूजी जाएंगी।

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