चाची और उसके प्रेमी को सात साल जेल: शारीरिक शोषण के आरोपी को सुनाई सजा, जानें फैसले में कोर्ट ने क्या कहा
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
गौरेला पेंड्रा मरवाही में एक नाबालिग लड़की के शारीरिक शोषण मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पीड़िता की चाची और उसके प्रेमी को सात साल जेल की सजा सुनाई है। ये दोनों ही मास्टरमाइंड थे। नाबालिग लड़की को भगाकर शारीरिक शोषण के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।अपराध में सहयोग करने वाली मास्टरमाइंड पीड़िता की चाची और उसके प्रेमी को भी सात-सात साल की सजा स्पेशल एडीजे किरण थवाईत ने सुनाई सजा।
नाबालिग लड़की को उसके प्रेमी के साथ भगाकर ले जाने में सहयोग करने के मामले में स्पेशल एडीजे कोर्ट ने पीड़िता के प्रेमी सहित पूरी योजना को अंजाम देने और सहयोग करने वाली पीड़िता की चाची और उनके प्रेमी को अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई है।
मामला 26 नवंबर 2022 को मरवाही के एक गांव का है। जहां रहने वाले एक स्कूल की छात्रा के स्कूल से वापस नहीं आने पर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने मरवाही थाना में दर्ज कराई थी, जिस पर मरवाही थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 363 के तहत अपराध कायम किया गया था। जिसकी पतासाजी करते हुये पुलिस ने पीड़िता को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के थाना कंकरखेड़ा के झिझोकर गांव से नाबालिग पीड़िता को बरामद करते हुये तीन लोगों को गिरफतार किया था।
पुलिस को पता चला कि पीड़िता का दुगेश चंद्रा उर्फ पारस नाम के एक युवक से प्रेम संबंध था जोकि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के कोतमा क्षेत्र का रहने वाला था और घटना वाले दिन पीड़िता को उसकी स्कूल से उसकी सगी चाची ने अपने साथ भगाकर पहले पेंड्रा ले गई।
पीड़िता और उसकी चाची पहले बस से पेंड्रा गए। जहां उनको आरोपी दुर्गेश चंद्रा मिला फिर ये तीनों गोंदिया गए। जहां चाची ने खुद का प्रेम संबंध अजय चंद्रा से होने की बात बतलायी और बाद में गोंदिया में चाची ने अपने प्रेमी अजय चंद्रा जोकि मध्य प्रदेश के बिजुरी क्षेत्र का रहने वाला था। पीड़िता को उसके प्रेमी के साथ भागने की योजना को अंजाम दिया और पीड़िता, प्रेमी दुर्गेश चंद्रा, चाची और चाची का प्रेमी अजय चंद्रा ये चारों पहले दिल्ली गये।
जहां कमरा नहीं मिलने पर मेरठ गये और मेरठ के गन्ना खेत में काम करने लगे थे। जहां प्रेमी के द्वारा पीड़िता से लगातार शारीरिक संपर्क स्थापित किया गया। जिनकी पतासाजी करते हुये पुलिस इनको पांच जनवरी 2023 को गिरफतार करके लाई।
वहीं इस मामले में स्पेशल एडीजे किरण थवाईत ने मुख्य आरोपी दुर्गेश चंद्रा उर्फ पारस को पोक्सों एक्ट की धारा 3 और 4 (2) के तहत आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं इस अपराध में सहयोग करने वाली चाची और उसके प्रेमी अजय चंद्रा को पॉक्सो एक्ट की धारा 16 और सहपठित धारा17 के तहत सात-सात साल और तीन हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है।
वहीं फैसले में कहा गया है कि पीड़िता 16 साल से कम उम्र की है। लेकिन वह स्वेच्छा से प्रेम संबंध होने के कारण अपने प्रेमी अभियुक्त दुर्गेश के साथ गई थी। जिसके कारण पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत प्रतिकर दिलाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है।