जांजगीर चांपा

स्पाइवेयर एप्प पेगासस से जासूसी, केंद्र की मोदी सरकार का कायराना कृत्य – कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता शिशिर द्विवेदी ने जासूसी के मुद्दे पर दी तीखी प्रतिक्रिया

जांजगीर चांपा

वर्तमान में विश्व के कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय स्पाइवेयर पेगासस एप्प से विभिन्न देशों के सरकारों द्वारा अपने देश के अंदर और देश के बाहर जासूसी कर, फ़ोन को हैक करने के मामले में घमासान मचा है। जिस फेहरिस्त में भारत की केंद्र में मोदी सरकार द्वारा भी देश के करीबन 300 मोबाइल फोन को हैक करने और बातचीत टेप करने आरोप है। जिसके जांच के विपक्ष द्वारा संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग संसद में किया जा रहा है। मोदी सरकार के ऊपर आरोप है कि स्पाइवेयर एप्प पेगासस से वर्ष 2018-19 में विपक्ष के प्रमुख नेताओं, खुद के सरकार के मंत्रियों, अधिकारियों के मोबाइल फोन हैक करके उनके वार्तालाप को सुनने का काम किया है।

इस जासूसी के लिए केंद्र की मोदी सरकार से विपक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाया जा रहा है। जिस महत्वपूर्ण विषय पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता शिशिर द्विवेदी ने मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि स्पाइवेयर एप्प पेगासस से जासूसी केंद्र की मोदी सरकार का कायराना कृत्य है, जिस सरकार और नेता को अपने पुरुषार्थ और नीति पर विश्वास नहीं होता वही इस तरह का काम करते हैं।

वर्ष 2018 में देश के 4 राज्यों विधानसभा चुनाव और 2019 में आम चुनाव के मद्देनजर ही मोदी सरकार द्वारा यह जासूसी कराया गया है। जिसमें हमारे नेता, कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी का मोबाइल फोन भी शामिल है। इससे यह सिद्ध होता है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बहुत बड़ा षड्यंत्र किया। अब आंतरिक सुरक्षा का झंडा दिखाकर बचने का प्रयास भी किया जाएगा। वैसे फिलहाल सरकार के मंत्रियों और भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा तीन काले कृषि कानून और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर भी बचने का प्रयास हो रहा है।

जनता को इन सभी प्रश्नों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी से जवाब चाहिए। इसी तरह टीकाकरण के मुद्दे पर भी मोदी सरकार विफल रही है। केंद्र की मोदी न दूसरे लहर को रोकने और देश की जनता को ऑक्सीजन व स्वास्थ्य सुविधा दे पाई और यही हाल भविष्य में आने वाले तीसरे लहर के लिए भी होगा। जो सरकार जुमले और भाषण के भरोसे सत्ता में बैठी है, न दूरदर्शिता और न जनता के पीड़ा का भान, ना ही महामारी में पीड़ित और उजड़े परिवारों के पुनर्वास की चिंता है। इन विफलताओं के लिए केंद्र सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी जी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

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