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छत्तीसगढ़ को 5 नेशनल अवॉर्ड:4 नगरीय निकाय और सूडा का चयन, रायपुर का नाम नहीं

छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत 5 नेशनल अवॉर्ड मिले हैं। यह नेशनल अवॉर्ड शहरी गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और आजीविका यानी रोजी रोटी से जुड़े अवसर बढ़ाने की वजह से छत्तीसगढ़ को मिले हैं।

अब नई दिल्ली में 18 जुलाई को सूडा और प्रदेश के 4 नगरीय निकायों को यह अवॉर्ड दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इसके लिए विभाग के अधिकारियों को बधाई दी है।

राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा

CM साय ने इस उपलब्धि को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए CM विष्णुदेव साय ने लिखा कि विष्णु के सुशासन में शहरी गरीब परिवारों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है। छत्तीसगढ़ को दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में उत्कृष्ट कार्यों हेतु पांच राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जाएगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से की गई पोस्ट।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से की गई पोस्ट।

इन निकायों को मिलेगा अवॉर्ड

भारत सरकार ने राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) और प्रदेश के चार नगरीय निकायों बिलासपुर, रायगढ़, चांपा एवं भाटापारा का चयन ‘स्पार्क-2023-24’ पुरस्कारों के लिए किया है। इनमें छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े निकायों में से एक राजधानी रायपुर का नाम नहीं है।

अवॉर्ड केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय देगा। इसके लिए दिल्ली के इंडिया हैबिटॉट सेंटर में समारोह आयोजित है। ये अवॉर्ड केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल और राज्य मंत्री तोखन साहू स्टेट को देंगे।

डिप्टी CM बोले- गर्व की बात है

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि ये पुरस्कार राज्य के लिए सम्मान का विषय है। मैं इसके लिए केन्द्र सरकार को धन्यवाद देता हूं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत सामाजिक गतिशीलता, संस्थागत विकास, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण एवं शहरी पथ विक्रेताओं को सहायता के साथ ही शहरी बेघरों के लिए आश्रय योजना से हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

शहरी गरीबों को लोन देकर सरकार ने काम काज से जोड़ा।

शहरी गरीबों को लोन देकर सरकार ने काम काज से जोड़ा।

इन कामों की वजह से मिला अवॉर्ड

साल 2023-24 में 2653 महिला स्व सहायता समूहों का गठन किया गया है। इनमें से 1532 समूहों को 1 करोड़ 53 लाख 20 हजार रुपए के फंड दिए गए हैं, ताकि महिलाएं आत्म र्निभर बनकर व्यवसाय कर सकें।

स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत 3028 लोगों को बैंक से 31 करोड़ 17 लाख आठ हजार रुपए का पर्सनल लाेन दिया गया है। छत्तीसगढ़ के 340 समूहों के 1352 सदस्यों को ग्रुप लोन के माध्यम से 7 करोड़ 73 लाख 81 हजार रुपए का ऋण दिया गया है।

शहरी बेघरों के लिए आश्रय स्थल के लिए अन्य के रहवास की व्यवस्था की जा रही है। शहरी पथ विक्रेताओं (सड़क पर सामान बेचने वालों) का सर्वे हुआ। इसके बाद 9 वेंडिंग मार्केट शुरू किए गए। सड़क पर सामान बेचने वालों को व्यवस्थित किया गया। सामान बेचने वालों को भी सरकारी स्कीम्स के जरिए लोन दिए गए हैं।

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