आगामी बजट में PM किसान सम्मान की रकम हो सकती है 1,000 रुपये महीना, जानें इसके पीछे की वजह

आगामी 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी. उम्मीद की जा रही है कि सरकार कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस कर सकती है. सरकार की इस कवायद को आने वाले समय में राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है.
लोकसभा चुनावों में केंद्र सरकार पूर्ण बहुमत हासिल करने से दूर रह गई. यह कई राज्यों में खराब प्रदर्शन की वजह से हुआ. जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां पर भाजपा को झटका लगा है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि सरकार किसानों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकती है.
मनीकंट्रोल में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बजट चर्चाओं से जुड़े दो लोगों ने बताया कि किसानों को आर्थिक सहायता देने वाली स्कीम पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों दी जाने वाली रकम को 1,000 रुपये महीने यानी 12,000 रुपये साल किया जा सकता है.
फिलहाल, छोटे भूमिधारक किसानों को साल भर में तीन बार 2,000-2,000 रुपये दिए जाते हैं यानी हर साल किसानों को केंद्र सरकार 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता देती है. अब उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार इस राशि को बढ़ाकर 12,000 रुपये सालाना करने पर विचार कर रही है. साथ ही इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि अब तीन महीने के बजाय हर महीने में किसानों को एक हजार रुपये दिए जाएंगे.
केंद्र सरकार जो कई दलों के समर्थन से चल रही है, उसकी स्थिति अब पहले की तरह नहीं है. ऐसे में अपने घटक दलों से भी सलाह की जरूरत होती है. भाजपा पूर्ण बहुमत से कोसों दूर चली गई, जिसकी वजह से उसे कई अन्य दलों से समर्थन लेना पड़ा है. ऐसे में घटक दलों के हितों पर भी ध्यान देना होगा. वर्ना… सरकार के सामने संकट खड़ा हो सकता है. भाजपा को कई राज्यों जैसे- कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में उसे अपनी सीटें गंवानी पड़ी हैं.
वहीं, अब से कुछ महीनों बाद राज्य विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं. हरियाणा और महाराष्ट्र में नवंबर में चुनाव होने हैं. झारखंड और दिल्ली में 2025 की शुरुआत में ही चुनाव होने हैं. इसलिए सरकार कोई मौका गंवाना नहीं चाहती है.
साथ ही, हाल ही में कई राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर चुनाव की नतीजे भाजपा की आंखे खोलने वाले आए हैं. इन 13 सीटों में से भाजपा को महज तीन सीटों पर जीत मिली है. 10 सीटें इंडिया ब्लॉक के पास गई हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बेहतर रिलेशन बनाने में नाकामयाब रही है जिससे किसान सरकार से नाखुश रहे, किसानों की नाराजगी का आलम यह रहा है भाजपा केंद्र में पूर्ण बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई और जहां-जहां उपचुनाव कराए जा रहे हैं. वहां पर भाजपा की हार हो रही है.
गौरतलब है कि भाजपा जब पहली बार सत्ता में आई थी तो किसानों से उनकी आमदनी दोगुनी करने का वादा करके सत्ता में आई थी. अबकी बार केंद्र में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बनाया गया है. ऐसा माना जाता है कि मध्य प्रदेश के सीएम के तौर पर उन्होंने सूबे की कायापलट की थी. जिससे केंद्र सरकार बड़ी उम्मीद कर रही है कि नए कृषि मंत्री किसानों के लिए बदलाव की पटकथा लिखेंगे.