अच्छे नियत से सकारात्मक आयाम स्थापित कर रही भूपेश सरकार – कांग्रेस
जांजगीर-चांपा
छत्तीसगढ़ सरकार के ढाई साल पूरे होने पर सरकार द्वारा दिन प्रतिदिन राज्य के विभिन्न जिलों में विकास कार्यों के लिए सौगात, विभिन्न क्षेत्र जैसे सरकारी नौकरियों में नियुक्तियां, कृषि मजदूरों को न्याय योजना के माध्यम से सालाना 6000 रुपए प्रोत्साहन राशि की घोषणा जैसे अनेकानेक जनकल्याणकारी निर्णय ले रही है।
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शनिवार 31 अगस्त को इसी कड़ी में शिक्षा विभाग में 14580 शिक्षकों की नियुक्ति, जिसमें व्याख्याता, सहायक शिक्षक, शिक्षक, अंग्रेजी शिक्षक, कृषि शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, सहायक शिक्षक विज्ञान की सीधी भर्ती के लिए वित्त विभाग से प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहमति दी, जिसकी घोषणा स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने किया।
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इस पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए जिला कांग्रेस प्रवक्ता शिशिर द्विवेदी ने छत्तीसगढ़ सरकार का आभार ज्ञापित करते हुए कहा है कि भूपेश सरकार अच्छे नियत से हर क्षेत्र में सकारात्मक आयाम स्थापित कर रही है। युवाओं को नौकरी देने का वादा निभाते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिस प्रकार से लगभग 17000 शिक्षाकर्मियों को संविलियन किया गया या राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से किसान, मजदूर, वनोपज संग्राहक परिवारों को सुदृढ़ बनाने, सामाजिक न्याय और सुरक्षा देने की बात हो, भगवान श्री राम के वन गमन परिपथ का विकास और सौंदर्यीकरण हो या फिर छत्तीसगढीया लोक संस्कृति, तीज त्यौहार को सम्मान देने की बात हो, विश्वव्यापी कोरोना महामारी काल के बावजूद भी राज्य में लोक कल्याण के कार्य हो रहे हैं।
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भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता से जो कहा उसे एक एक कर निभा रही है। वैसे भी हमारे पूर्वजों द्वारा कहा गया कहावत है कि अगर नीयत अच्छी हो तो नसीब कभी बुरा नहीं होता। अच्छी नियत और मजबूत इरादे के साथ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व में सरकार काम कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता द्विवेदी ने भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद बाबुल सुप्रियो के राजनीति से असमय सन्यास के मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर भाजपा के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा ऐसी क्या स्थिति बनाई जा रही है, कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे व वर्तमान में सांसद बाबुल सुप्रियो ने 2024 के पहले ही राजनीति से सन्यास लेने का निर्णय कर घोषणा कर दिया या वे जिस राज्य से सांसद हैं वहां भाजपा द्वारा अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के लिए उन्हें दोषी माना जा रहा है।
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असल में पश्चिम बंगाल में जुमलों, संकेतात्मक राजनीति और घृणा फैलाने वाली राजनीति की हार हुई है।जनता देख रही है और धीरे धीरे समझ भी रही है कि भाजपा के नरेंद्र मोदी से लेकर प्रदेश के विधायकों तक की कथनी और करनी में क्या अंतर है। अब इस अटकाव, लटकाव और भटकाव की राजनीति का सच छुपाने के लिए कई बाबुल सुप्रियो को भेंट चढ़ना होगा।