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लखीमपुर खीरी टू बहराइच… बाघ और भेड़िया से दर्जनों गांवों में दहशत, आदमखोरों के आतंक की पूरी कहानी

लखीमपुर खीरी

यूपी में लखीमपुर खीरी से लेकर बहराइच तक आदमखोर बाघ और भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है. आदमखोर बाघ की वजह से लखीमपुर में 50 से ज्यादा गांवों में दहशत है. वन विभाग की टीमें लगातार बाघ की तलाश में जुटी हुई हैं. यहां पिंजरे के पास लगे कैमरे में बाघ की मूवमेंट रिकॉर्ड हो चुकी है. अगस्त महीने में इस आदमखोर बाघ ने पांच लोगों पर हमला किया, जिसमें से चार लोगों की मौत हो गई, उसके बाद से ही जंगल से सटे गांवों के लोगों में डर और दहशत है.

बाघ का डर यूपी के लखीमपुर के कई गांवों में है. उसके पंजों के निशान कई जगह मिल चुके हैं, जिसकी वजह से लोगों में खौफ बना हुआ है. एक दिन पहले बाघ के पंजे के निशाने मिले और दूसरे दिन बाघ कैमरे में कैद हुआ. दरअसल, वन विभाग ने आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए 4 पिंजरे लगाए थे. पिंजरे के पास कैमरा भी लगाया गया था. इसी के साथ दो ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही थी. निगरानी के दौरान बाघ का मूवमेंट नजर आया.

भेड़ियों को पकड़ने के लिए क्यों छोड़े जा रहे पटाखे? ऐसे पकड़ में आते हैं ‘आदमखोर’
बहराइच में वन विभाग की घेराबंदी के बीच से एक बार फिर भेड़िये भाग निकले हैं. गांवों में गोले दागे गए, जिनकी आवाज सुनकर भेड़ियों ने लोकेशन बदली है. हरदी थाना के नाकाही में और मैकुपुरवा में भेड़िये ने एक बच्चे और एक बुज़ुर्ग को अपना निशाना बनाया है.

यहां मायके आई गुड़िया नाम की महिला के 7 साल के बच्चे पर बीती रात 1:30 बजे भेड़िये ने हमला कर दिया. जब बच्चे की मां ने शोर मचाया तो भेड़िया भाग गया. वहीं सुबह चार बजे मैकुपुरवा में घर में सो रहे कुन्नु लाल पर भेड़िया ने हमला कर दिया. सीएचसी महासीह के अधीक्षक डॉक्टर आशीष वर्मा ने बताया कि अभी दोनों मरीजों की कंडीशन ठीक है. जहां त wolf attack की बात है तो उसकी पुष्टि वन विभाग करेगा. वन विभाग की टीम भेड़ियों की तलाश में जुटी हुई है.

कैमरे में कैद हुआ था बाघ.
जहां पर बाघ दिखा है, वो इलाका इमलिया गांव से करीब साढे तीन किलोमीटर दूर है. यहां बंजरिया गांव के पास सराय नदी किनारे लगाए गए पिंजरे के करीब कैमरे में बाघ की तस्वीरें कैद हुईं थीं. वन विभाग का कहना है कि ये बाघ दुधवा टाइगर रिजर्व से निकला है.

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आमतौर पर बाघ का मूवमेंट रात में होता है, लेकिन 27 अगस्त को इस बाघ ने दिन के वक्त चारा लाने गए एक किसान को अपना शिकार बना लिया था.

लखीमपुर खीरी to बहराइच… बाघ-भेड़िया से सैकड़ों गांवों में दहशत, आदमखोरों के आतंक की पूरी कहानी

DFO संजय बिस्वाल ने कहा कि जहां बाघ दिखा है, वो इलाका टाइगर सेंसटिव जोन है. यहां 17 टाइगर हैं. 7 जंगल के अंदर रहते हैं. बाकी बाहर भी आते हैं. बाघ के हमले में मौत की ये चौथी घटना थी.

बाघ ने 64 साल के एक किसान पर हमला किया था, लेकिन उनकी जान बच गई. सिर्फ अगस्त महीने में बाघ के हमले में हुई चार मौतों से इलाके के लोग भड़क उठे और उन्होंने हाइवे पर जाम लगा दिया था. लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद वन विभाग और पुलिस की टीम लगातार आदमखोर बाघ की तलाश कर रही हैं. बाघ मित्र के जरिए लोगों को सुरक्षित करने का निर्देश भी दे रही हैं.

बहराइच में दो भेड़ियों को पकड़ने के लिए चल रहा है रेस्क्यू

बहराइच में भेड़िए (wolf) ने आतंक मचा रखा है. यहां वन विभाग की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं. यहां 2 भेड़ियों का मूवमेंट दिखा है, जिन्हें अब तक पकड़ा नहीं जा सका है. ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है. अधिकारी मुआयना कर रहे हैं. मुख्य वन अधिकारी रीनू सिंह ने कहा कि भेड़िये जल्द पकड़ लिए जाएंगे. हरिबक्शपुरा इलाके के 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में हरकत दिखी है. उम्मीद है कि जल्द भेड़िये को पकड़ लेंगे. अब तक चार भेड़िए पकड़ लिए हैं, अब दो ही बचे हैं.

लखीमपुर खीरी में बाघ ने कब-कब किया हमला.

1 अगस्त को खीरी थाना क्षेत्र में बाघ ने एक 10 साल के बच्चे पर हमला कर दिया था, जिसके बाद उसका शव गन्ने के खेत में मिला था.
2 अगस्त को शारदा नगर थाना क्षेत्र के मैनहा गांव में 9 साल के बच्चे को बाघ ने शिकार बनाया था, उसके बाद उसका क्षत विक्षत शव गन्ने के खेत में मिला था.
4 अगस्त को गोला थाना क्षेत्र की पश्चिमी बीट में 12 साल की बच्ची को बाघ खींच ले गया था, उसके बाद बच्ची का शव खेत में बरामद किया गया था.
11 अगस्त को हैदराबाद थाना क्षेत्र के बजरिया गांव के रहने वाले 64 साल के किसान हरिपाल पर बाघ ने हमला कर दिया था, जिससे वो घायल हो गए थे.
27 अगस्त को इमलिया गांव के रहने वाले 46 साल के अमरीश कुमार अपने खेत में गन्ने की पत्तियां छीलने गए थे, तभी वहां बाघ ने उन पर हमला कर दिया था. इसके बाद अमरीश का शव खेत में मिला था.

DFO संजय बिस्वाल ने कहा कि आदमखोर बाघ को पकड़ना वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है. कई टीमों के जरिए वन विभाग पूरा ऑपरेशन चला रहा है. पिंजड़े लगाए गए हैं. टाइगर की लोकेशन ली जा रही है. गन्ने के खेतों में बाघ बैठ जाते हैं. घटनास्थल से साढ़े तीन किमी दूर बाघ की लोकेशन मिली है. विभाग का ऑपरेशन जारी है. गांव वालों में दहशत भी बनी हुई है.

लखीमपुर खीरी में दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल से बाहर निकले बाघ और तेंदुओं ने करीब 50 गांवों में आतंक मचा रखा है. अगस्त महीने में इनके हमले से चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हो चुके हैं. बीते 27 अगस्त को हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया गांव के रहने वाले करीब 45 वर्षीय राजेश कुमार चारा लेने गए थे, तभी वहां बाघ ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें घसीट ले गया, जिसके बाद उनका छत विक्षत शव गन्ने के खेत में मिला था

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