देश

जम्मू-कश्मीर चुनाव देखने आ रहे 16 विदेशी डिप्लोमैट, केंद्र से बोला विपक्ष- यह तो आंतरिक मामला

जम्मू-कश्मीर

चुनाव में दूसरे चरण की वोटिंग चल रही है। कुल 26 सीटों पर जनता वोट डाल रही है, कई सीटों पर कड़ा मुकाबला भी देखने को मिल रहा है। अब बड़ी बात यह है कि दूसरे चरण की वोटिंग पर चुनाव आयोग की नजर तो है ही, इसके साथ-साथ विदेश से आए 20 देशों के 16 डिप्लोमैट्स की उपस्थिति देखने को मिल रही है। असल में केंद्र सरकार के निमंत्रण के बाद ही यह डिप्लोमैट्स जम्मू-कश्मीर आए हैं।

विदेशी मेहमान क्यों आ रहे जम्मू-कश्मीर?
जानकारी मिली है कि अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, रू, ऑस्ट्रेलिया से 16 विदेशी डिप्लोमैट जम्मू-कश्मीर आए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के चार अधिकारी भी इस प्रतिनिधिमंडल के साथ रहने वाले हैं। यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू के बजाय सिर्प बडगाम और श्रीनगर के कुछ जिलों को कवर करने वाला है। अब केंद्र सरकार का तर्क है कि इन विदेशी मेहमानों को यहां बुला दिखाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है।

उमर अबदुल्ला ने सरकार को दिखाया आईना
अब सरकार की इसी नीयत पर विपक्ष ने सवाल उठा दिया है। कई दल और नेता सामने से आकर कह रहे हैं कि जब जम्मू-कश्मीर भारत का एक आतंरिक मामला है तो विदेशी मेहमानों को यहां बुलाने का क्या मतलब है, यह तो भारते के ही कई साल पुराने स्टैंड के खिलाफ जाता है। इस बारे में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला ने कहा है कि हैरानी की बात है कि जो सरकार लगातार जम्मू-कश्मीर को एक आतंरिक मामले के रूप में देखती है, वो कमेंट करने के लिए दूसरे देशों से मेहमानों को बुला रही है।

बीजेपी का क्या है लॉजिक?
उमर ने आगे बोला कि अगर सरकार डिप्लोमैट्स को बुला सकती है, फिर विदेशी पत्रकारों, OCI कार्ड वाले पत्रकारों को चुनाव कवर करने क्यों नहीं दिया जा रहा, उनकी विनती को क्यों नजरअंदाज किया गया। वैसे केंद्र सरकार ने इससे पहले भी कुछ मौकों पर ऐसे ही जम्मू-कश्मीर में विदेशी मेहमानों को बुलाया है। फिर चाहे जी20 के वक्त वहां हुई मीटिंग की बात हो या फिर किसी दूसरे कार्यक्रम के लिए। लेकिन बीजेपी का मानना है कि जब सामने से कोई जम्मू-कश्मीर आने में दिलचस्पी दिखा रहा हो, तो इससे किसी को क्या दिक्कत होनी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply