छत्तीसगढ़

5 वर्षीय मासूम से बलात्कार: कोर्ट ने 39 दिन में ही अपराधी को सुनाई सजा, 10 लाख व नि:शुल्क शिक्षा की अनुशंसा

रामानुजगंज

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) वंदना दीपक देवांगन ने 5 वर्षीय मासूम बालिका से बलात्कार के मामले (Rape Case) मे मात्र 39 दिनों में फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी को जीवन पर्यंत सश्रम कारावास सहित अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं पीडि़ता के पुनर्वास व नि:शुल्क शिक्षा की भी अनुशंसा की गई है। 2 जुलाई 2021 को एक 5 वर्षीय बालिका घर के बाहर अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान आरोपी महेश चरगट पिता राम ध्यान चरगट उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम मरमा बजना पारा त्रिकुंडा उसे बिस्किट और टॉफी का लालच देकर उसे पास के जंगल में ले गया और यहां उसके साथ बलात्कार (Rape) किया।जब वह रोने लगी तो मिठाई, बिस्किट के लिए अलग से 10 रुपए दिए। बालिका ने घर आकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। इस मामले में थाना प्रभारी ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण रामानुजगंज न्यायालय में पेश किया गया।इस पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के पश्चात विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट वंदना दीपक देवांगन ने आरोपी को भारतीय दंड विधान की धारा 363 के तहत 5 वर्ष की कारावास एवं 5 हजार जुर्माना तथा पॉक्सो एक्ट के तहत जीवन पर्यंत सश्रम कारावास सहित 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

10 लाख व नि:शुल्क शिक्षा की अनुशंसा
इस संबंध में माननीय न्यायालय ने भारतीय दंड विधान धारा 357 क के तहत नाबालिक के शारीरिक, मानसिक एवं पुनर्वास के लिए 10 लाख रुपए तथा नाबालिक के परिवार की सुरक्षा के साथ-साथ पीडि़ता के 5 से 18 वर्ष तक नि:शुल्क अच्छी शिक्षा हेतु अनुशंसा की गई है।

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