जांजगीर-चांपा: बसों में जीपीएस और पैनिक बटन अनिवार्य, सुरक्षा में मिलेगी बढ़त

जांजगीर-चांपा: जांजगीर-चांपा जिले में यात्रियों, खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए यात्री बसों और स्कूल बसों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य किया गया है. इस नए सुरक्षा उपाय से यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति में मदद उपलब्ध कराई जाएगी. जिले की सभी सवारी वाहनों और स्कूल बसों में जीपीएस और पैनिक बटन लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी दुर्घटना या अप्रिय घटना में तुरंत सहायता मिल सकेगी.
रायपुर में बना कंट्रोल रूम, आपात स्थिति में होगी त्वरित मदद
रायपुर में एक केंद्रीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से बटन दबाने पर तुरंत सूचना प्राप्त होगी. इसके बाद संबंधित जिले के थाने और अस्पताल से मदद भेजी जाएगी. कंट्रोल रूम स्थानीय पुलिस और चिकित्सा सुविधा से भी जुड़ा रहेगा, जिससे कोई भी आपात स्थिति में यात्रियों को तुरंत राहत मिल सकेगी. इस कदम से बस में यात्रा करने वाली महिलाओं और युवतियों को अतिरिक्त सुरक्षा का आश्वासन मिलेगा.
यात्री बसों और स्कूल बसों में पैनिक बटन अनिवार्य
जांजगीर-चांपा जिला परिवहन अधिकारी गौरव साहू ने बताया कि यात्री और स्कूल बसों में पैनिक बटन और जीपीएस लगाना अब अनिवार्य कर दिया गया है. इसके बिना बसों का रजिस्ट्रेशन और फिटनेस मंजूरी नहीं मिलेगी. नए नियमों के तहत, जिले में पंजीकृत 339 सामान्य बसों और 438 स्कूल बसों में समय-समय पर फिटनेस टेस्ट किया जाएगा. अब फिटनेस की अनुमति तभी दी जाएगी जब बसों में पैनिक बटन और जीपीएस लगे हों. नए बसों का रजिस्ट्रेशन भी इन्हीं उपकरणों की स्थापना के बाद ही किया जाएगा.
कैसे करेगा काम पैनिक बटन?
पैनिक बटन बस में हर सीट के पास लगाया जाएगा, ताकि आपात स्थिति में यात्री या बच्चे इसे आसानी से दबा सकें। इस बटन को तीन सेकंड तक दबाने पर बस की लाइव लोकेशन और मैसेज कंट्रोल रूम को तुरंत मिल जाएगा. मैसेज सत्यापन के बाद, नजदीकी थाने को सूचना भेजी जाएगी और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. यदि पैनिक बटन गलती से दबा दिया गया हो, तो कंट्रोल रूम बस के ड्राइवर या कंडक्टर से बात कर स्थिति की पुष्टि करेगा. इस नई व्यवस्था से जिले में यात्रा करने वालों की सुरक्षा में बढ़त मिलेगी और किसी भी संकट की स्थिति में राहत पहुंचाना संभव हो सकेगा.