‘रश्मी मैम फेल करने की धमकी देती हैं…’ टॉर्चर से परेशान छात्र ने लिखा ऐसा सुसाइड नोट, फिर पी लिया फिनाइल
ग्वालियर
अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं कि बच्चे टीचर्स की डांट से परेशान होकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं. ऐसे ही एक और मामला मध्य प्रदेश, ग्वालियर के महाराजपुरा थाना अंतर्गत डीडी नगर से सामने आया, जहां के रहने वाले एक 14 साल के छात्र ने शनिवार को फिनायल पीकर खुदकुशी करने की कोशिश की. बच्चे को गंभीर हालत में उसके परिजनों ने उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है.
इस मामले को लेकर छात्र की मां ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 में कक्षा नौवीं का छात्र है. उसके कपड़ों में एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें छात्र ने अपने स्कूल की क्लास टीचर और एक अन्य टीचर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. सुसाइड नोट में छात्र ने आरोपी टीचर्स पर फेल करने की धमकी देने से परेशान होना बताया है, जिसके चलते उसने यह खतरनाक कदम उठाया है. यही नहीं छात्र की मां का आरोप है कि दोनों स्कूली टीचर्स उनके बेटे को सालभर से लगातार प्रताड़ित करते आ रहे हैं.
स्कूल को बचाने का आरोप
छात्र की मां ने संबंधित थाना पुलिस को भी घटना की जानकारी दी है. इसी कड़ी में शनिवार को तहसीलदार और एक पुलिसकर्मी छात्र के बयान दर्ज करने अस्पताल भी पहुंचे थे. छात्र का बयान दर्ज होने के बाद उनकी मां ने तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. इतना ही नहीं बच्चे की मां ने तहसीलदार पर स्कूल प्रबंधन को बचाने का गंभीर आरोप लगाया.उनका कहना है वो इस मामले को दबने नहीं देंगी. उन्हें हर हाल में न्याय चाहिए. छात्र की मां की मांग है कि दोनों आरोपी टीचर्स को नौकरी से बर्खास्त किया जाए.
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
छात्र ने भी सुसाइड नोट में अपने टीचर्स को इसका जिम्मेदार बताया है. छात्र ने लिखा, “मैं कक्षा 9वीं का छात्र हूं. मुझे मेरी रश्मि गुप्ता मैम और दिवाकर सर परेशान और टॉर्चर करते हैं. रश्मि मैम मुझे फेल करने की धमकी देती हैं. मैं इनसे परेशान होकर ये कदम उठा रहा हूं. मेरे इस कदम के लिए रश्मि मैम और दिवाकर सर जिम्मेदार रहेंगे.”
मामले में पुलिस का अलग तर्क
हालांकि जब अस्पताल पहुंचे तहसीलदार से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने यह कहते हुए बात करने से इनकार कर दिया कि उन्हें पुलिस ने बयान लेने के लिए भेजा है. वहीं घटना की वजह को लेकर पुलिस का अलग ही तर्क है, उनका कहना है कि छात्र को स्कूल के टीचर्स नहीं बल्कि कोचिंग के टीचर्स परेशान करते थे. पुलिस ने छात्र के कोचिंग प्रबंधन से भी इस बारे में बात की है. फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए बारीकी से पड़ताल में जुट गई है.