डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 49 लाख की ठगी, आरोपी गिरफ्तार
दुर्ग। पिछले दिनों डिजिटल अरेस्ट के नाम पर प्रार्थी से 49 लाख रुपए की ठगी करने वाले मामले का दुर्ग पुलिस ने खुलासा किया है, प्रार्थी भिलाई के रूआबांधा का रहने वाला है जो की खड़गपुर में एक कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर काम करता था, भिलाई वापस लौटते समय ट्रेन में सफर के दौरान उसे डिजिटल अरेस्ट किया गया, जिसके बाद प्रार्थी ने भिलाई नगर थाने में लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी, शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने तत्काल टास्क टीम बनाई और इस मामले पर आरोपी को महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल पीड़ित इन्द्र प्रकाश कश्यप को फोन पर धमकी देकर पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया, इंद्रप्रकाश कश्यप प्राइवेट कंपनी रश्मि ग्रुप कंपनी पश्चिम बंगाल के खड़कगपुर में अधिकारी के पद पर कार्यरत है, उन्होंने दुर्ग पुलिस को लिखित में शिकायत दी थी की 7 नवंबर को खड़कपुर पश्चिम बंगाल में थे,तभी अचानक एक अनजान नंबर से उनके पास फोन आया फोन पर बात करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके आधार कार्ड से सिम जारी करवाकर 29 लोगों को आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं। इंद्र प्रकाश कश्यप को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर डराया धमकाया गया और फौरन 49 लाख रुपए खाता में जमा किए जाने को कहा गया, डर के कारण इन्द्रप्रकाश ने तत्काल दिए गए अकाउंट में पैसे जमा कर दिए कब इंद्रप्रकाश को ये पता चला कि वे ठगी का शिकार हो चुके है। तब वे भिलाई पहुंचने पर दुर्ग पुलिस से शिकायत की इसके बाद पुलिस ने क्राइम ब्रांच के साथ एक विशेष टीम का गठन किया, जिसके बाद जांच में जुटी टीम ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रहने वाले बापू श्रीधर तक पहुंची, इसी के एकाउंट में प्रार्थी द्वारा 49 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे, पुलिस ने जब इसके खाते की तलाशी ली, तो उसमे कुल 3 करोड़ रूपए का ट्रांजेक्शन सामने आया, पूछताछ में आरोपी ने गिरोह के कई और भी सदस्यों के संबध में जानकारी पुलिस को दी है, जिसकी तलाश दुर्ग के एंटी क्राइम, सायबर और पुलिस की टीम के द्वारा की जा रहा है। एडिशन एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के इस मामले में गिरफ्तार अकाउंट होल्डर पहला आरोपी है। अभी अन्य आरोपियों की तालाश की जा रही है उसके अकाउंट में जमा किए रकम को निकालकर फौरन दूसरे खाते में पहुंचा दिया जाता था पकड़ा गया। आरोपी अपने अकाउंट को 20 प्रतिशत कमीशन में दे रखा था, यानी की जितनी भी रकम उसके खाते में आयेगी उसका 20 प्रतिशत मुनाफा उसे प्राप्त होगा। उसी लालच में यह मुख्य आरोपियों के साथ जुड़ा हुआ था।