छत्तीसगढ़

सक्ती: मतदान में गड़बड़ी का आरोप पीठासीन अधिकारी ने 243 वोट गिना, वहीं जिला निर्वाचन कार्यालय में बताया 13 वोट, जिले के क्षेत्र क्रमांक 8 तुषार का मामला

सक्ती। जिला पंचायत सदस्य चुनाव में गड़बड़ी का आरोप जिला निर्वाचन कार्यालय सक्ती पर लगाया गया है । मिली जानकारी अनुसार सक्ती जिले के क्षेत्र क्रमांक 8 के कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी पावन(पवन) सिंह चन्द्रा ने जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर को दी गई शिकायत में बताया है कि क्षेत्र क्रमांक 8 तुषार से वे जिला पंचायत सदस्य का अभ्यर्थी था। मतदान के दौरान बूथ क्रमांक 123 के पीठासीन अधिकारी द्वारा मुझे प्रदत गणना पर्ची में 243 मत प्राप्त हुआ जबकि जिला कार्यालय द्वारा जारी सूची में उक्त मतदान केन्द्र में 243 के बजाय सिर्फ 13 मत दर्शाया गया है जो कि संदेहास्पद है।और दोनों ही पर्ची में संबंधित अधिकारी के दस्तखत और सील लगे हैं । इस भारी गड़बड़ी की जांच और दोबारा गिनती की मांग उन्होंने निर्वाचन अधिकारी से की है । उन्होंने यह भी बताया कि उनके अभिकर्ताओ ने उसी दिन आपत्ति करते हुए फिर गिनती की मांग की थी लेकिन उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया 18 तारीख को फिर से कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत की गई जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

बताए आपके किस अधिकारी की गिनती सही है – पावन चंद्रा

इस मामले में पावन चंद्रा ने कहा कि मुझे गिनती नहीं करवानी है मानलो मैं इस गिनती से संतुष्ट हूं लेकिन उन्होंने यह भी मांग की उन्हें बताया जाये कि उन्हें वास्तव में कितने वोट मिले हैं । क्या उन्हें 13 वोट मिले हैं या 243 वोट मिले हैं । पावन चंद्रा ने यह मांग करके सबकी हालात पस्त कर दी है क्योंकि किसी एक ही को सही बताया जाएगा और ग़लत बताने वाले पर निश्चित ही कार्यवाही भी होगी जो जिला प्रशासन नहीं चाहेगा ।

“ये मामला रिटर्निंग ऑफिसर यानि तहसीलदार का है और अब यह सिविल कोर्ट का मामला हो गया है । अभ्यर्थी सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर करें । कोर्ट के आदेश से ही सीलबंद लिफाफे खोला जा सकता है।”अरुण कुमार एसडीएम सक्ती

“मैं अपनी गिनती से संतुष्ट हूं लेकिन मुझे जानना है कि मुझे वास्तव में कितने वोट बूथ क्रमांक 123 से मिले । रिटर्निंग ऑफिसर ने 13 वोट बताया हैं वो सही है या पीठासीन अधिकारी की बतायी संख्या 243 सही है । इसका जवाब जिला कलेक्टर को देना ही होगा क्योंकि इस पूरी घटना में अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। इसका जवाब नहीं देने पर मैं माननीय उच्च न्यायालय का सहारा लूंगा।”अभ्यर्थी पावन चंद्रा

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