भारतमाला घोटाला:उमा बनकर मुआवजा लेने वाली उर्वशी तिवारी को नहीं मिली जमानत

भारत माला परियोजना के मुआवजा घोटाले की आरोपी उमा तिवारी की अंतरिम जमानत आवेदन को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को आवेदन पर सुनवाई हुई।
इस दौरान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस विभू दत्ता गुरु की डबल बैंच ने आवेदन को खारिज कर दिया है। दरअसल, दुर्ग से विशाखापत्तनम व मुंबई से कलकत्ता तक बनाई जा रही भारत माला सड़क परियोजना रायपुर के अभनपुर से गुजर रही है।
इसमें भू अर्जन के लिए राजपत्र में सूचना प्रकाशन के बाद भी जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा ने जमीन दलालों व राजस्व अधिकारियों का सिंडिकेट बनाया। फिर बड़ी-बड़ी जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों मे बदलकर तत्कालीन भू अर्जन अधिकारी निर्भय साहू तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व पटवारियों से मिलकर मुआवजा घोटाला किया। इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।
इसमें एसीबी, ईओडब्ल्यू ने जमीन दलाल हरमीत सिंह खनुजा, विजय जैन, उमा तिवारी व उसके पति केदार तिवारी को ढाई माह पहले गिरफ्तार किया है। फिलहाल वह जेल में बंद हैं। इसमें ठाकुर राम चंद्र स्वामी, जैतु साव मठ का मुआवजा 2.13 करोड़ रुपए बना था।
इस मुआवजे को हड़पने के लिए उर्वशी तिवारी ने उमा तिवारी बनकर तत्कालीन भू अर्जन अधिकारी निर्भय साहू से मिली भगत कर झूठा आवेदन व शपथ पत्र देकर ले लिया था।