जांजगीर-चांपा: कॉन्ट्रैक्टर की हत्या कर फांसी से लटकाया, बदसलूकी से परेशान थे,दो आरोपी गिरफ्तार

जांजगीर-चांपा। जिले के सारागांव थाना क्षेत्र के कमरीद गांव में किराए के मकान में रह रहे 40 वर्षीय प्रेमलाल पांडेय का शव उनके कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला था। पहले यह मामला आत्महत्या का लग रहा था, लेकिन पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि प्रेमलाल की गला दबाकर हत्या की गई थी और बाद में उसे फांसी पर लटका दिया गया। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
यह मामला सारागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कमरीद का है। 17 जुलाई को किराए के मकान में रह रहे प्रेम लाल पांडेय का शव फांसी के फंदे से लटका मिला। लोगों ने इसकी सारागांव थाने की पुलिस को दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को प्राथमिक जांच में यह मामला सुसाइड लगा।
पुलिस टीम जब घटनास्थल की बारीकी से जांच कर रही थी, तब कुछ चीजें सामान्य नहीं लगी। इस शक के आधार पर पुलिस ने मृतक प्रेमलाल पांडेय के आसपास के लोगों और रिश्तेदारों से पूछताछ शुरू की। वहीं, साइबर सेल ने भी मृतक के फोन रिकॉर्ड्स, कॉल डिटेल्स की जांच की।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि प्रेमलाल पांडेय का स्थानीय ठेकेदारों से आए दिन विवाद होता रहता था। पुलिस ने इस आधार पर गांव के दो ठेकेदार भीष्म नारायण (उम्र 30 वर्ष) और हेमराज पटेल (उम्र 48 वर्ष) को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
शुरू में दोनों आरोपी पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो आखिरकार उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपियों ने बताया कि मृतक प्रेमलाल पांडेय ठेकेदारी में वर्चस्व बनाने के लिए आए दिन उनके साथ गाली-गलौज करता था और जान से मारने की धमकी देता था। घटना से ठीक एक दिन पहले भी प्रेमलाल ने दोनों के साथ बदसलूकी की।
भीष्म नारायण और हेमराज पटेल ने बताया कि इस बात से नाराज होकर दोनों ने प्रेमलाल को सबक सिखाने और उसे मारने की प्लानिंग की। 16 जुलाई की रात वे दोनों राहुल नामक शख्स की बाइक लेकर प्रेमलाल के किराए के घर के पास पहुंचे। वहां से उन्होंने बाइक एक किलोमीटर दूर खड़ा कर दिया ताकि कोई उन्हें पहचान न सके।
फिर दोनों पैदल प्रेमलाल के कमरे तक पहुंचे। कमरे में दाखिल होते ही दोनों ने कहा, “बड़ा गुंडा बनता है, हमें मारेगा?” और उस पर थप्पड़ और घूंसे बरसाने लगे। इसके बाद कमरे में रखी रस्सी से फंदा बनाकर उसके गले में डाल दिया और खींचते रहे, जब तक उसकी सांसें नहीं रुक गई।
हत्या के बाद दोनों ने सोचा कि अगर सीधा मामला हत्या का बना तो पकड़े जाएंगे। इसलिए उन्होंने शव को पलंग के नीचे गिराकर फिर रस्सी को कमरे की सीधी (छड़ या हुक) में बांधकर प्रेमलाल के शव को फांसी पर टांग दिया, ताकि मामला आत्महत्या जैसा लगे। लेकिन पुलिस ने जब बारीकी से जांच की तो सच्चाई सामने आ गई।




