छत्तीसगढ़

शराब घोटाला: चैतन्य बघेल की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट से ख़ारिज, निचली अदालत में जाने कहा

बिलासपुर। शराब घोटाले मामले में जेल में बंद पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। चैतन्य बघेल ने ACB की गिरफ्तारी की आशंका को लेकर अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी। जिसका शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने जमानत का विरोध किया था।

इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने कहा कि, ACB की स्पेशल कोर्ट के बजाए सीधे हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। इसलिए इसकी सुनवाई नहीं हो सकती। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को निचली अदालत में आवेदन करने की छूट दे दी है।

ईडी ने की है गिरफ्तारी
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल पर छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले के मामले में ईडी, ईओडब्ल्यू और एसीबी ने मामला दर्ज किया है। ईडी के द्वारा चैतन्य को गिरफ्तार भी किया गया है। ईडी की गिरफ्तारी के बाद से चैतन्य जेल में बंद है। ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को लेकर चैतन्य ने ईडी की कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें कई दिनों से सुनवाई हो रही है। आज ईडी के मामले में हुई सुनवाई की बहस अधुरी रही ,जिसकी अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को होगी। वहीं आज ही चैतन्य द्वारा एसीबी के मामले में गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट में एक अलग याचिका अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी। इस अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को लिबर्टी यानी छूट के साथ खारिज कर दी है। इससे ये माना जा सकता है कि चैतन्य बघेल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।

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ED ने 7000 पन्नों का चालान किया पेश
शराब घोटाले मामले में सोमवार को ED ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ विशेष कोर्ट में चालान पेश किया। ईडी ने 7000 पन्नों का चालान पेश किया। चालान में एजेंसी ने विस्तार से चैतन्य बघेल के कारनामों की जानकारी दी है। चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई की सुबह भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापा मारकर चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया था।

सुप्रीम कोर्ट से भी लग चुका है झटका
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। जिसमें CBI और ED की जांच की शक्तियों और उसके अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि ईडी की कार्रवाई और पीएमएलए कानून की वैधानिकता को चुनौती देना चाहते हैं तो अलग से याचिका दायर करें। इस मामले में अलगी 6 अगस्त को होगी। SC ने छत्तीसगढ़ HC से याचिका पर जल्द कार्रवाई करने को कहा है। इन दोनों की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच में हुई।

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