भाजपा नेता संजीव जैन सुसाइड केस में अंतरराज्यीय ठग फैमिली का भंडाफोड़, प्रेमजाल में फंसाकर वसूले पौने दो करोड़, पति-पत्नी गिरफ्तार
राजनांदगांव
भाजपा नेता संजीव जैन सुसाइड केस में पुलिस ने आरोपी मानसी यादव और उसके पति ललित सिंह को गिरफ्तार किया है। महिला ने संजीव को अपने प्रेम जाल में फंसाया और ब्लैकमेल कर पौने दो करोड़ रुपए वसूले थे। इसके बाद और रुपए मांग रहे थे। 10 अगस्त की रात भाजपा नेता बसंतपुर क्षेत्र के हीरा-मोती लाइन निवासी संजीव जैन ने खुदकुशी कर ली थी। उनका शव कुंआ चौक नंदई स्थित पुराने घर के ही एक कमरे में फंदे से लटका मिला था। मौके से 10-12 पेज का सुसाइड नोट मिला। उसमें डेढ़ करोड़ रुपए का कर्ज होने और उसे चुकाने के लिए लोन के लिए अप्लाई करने के बाद भी पास नहीं होने की बात लिखी थी। पुलिस जांच में एक लड़की की ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया था। इसी से तंग आकर संजीव ने सुसाइड कर लिया था। इस ठगी में महिला का देवर कौशल सिंह भी शामिल है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस ने सुसाइड नोट में मिले नामों के साथ बैंक की डिटेल चेक की। पता चला कि संजीव जैन ने किसी मानसी यादव के अकाउंट में 1.77 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं। पुलिस ने मानसी की तलाश शुरू की। रायपुर, दिल्ली और मेरठ टीम भेजी गई, तो पता चला कि बैंक में दर्ज पते पर वह सालों से नहीं रह रही थी। इस बीच पुलिस को पता चला कि मानसी रायपुर स्थित अपनी बहन मधु के घर तीज मनाने पहुंची है। इस पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मानसी ने पुलिस को बताया कि करीब 8 साल पहले रॉन्ग नंबर लगने से संजीव जैन से उसकी पहचान हुई थी। बातचीत के दौरान उसे पता चला कि संजीव पैसे वाला है। इस पर संजीव को प्रेम जाल में फंसाया। कई बार वह संजीव से मिलने राजनांदगांव आई। वहीं, संजीव को भी रायपुर और मेरठ बुलाया। इस बीच दोनों में हर बार शारीरिक संबंध भी बने। मानसी कभी पढ़ाई, कभी नौकरी तो कभी मकान खरीदने के नाम पर रुपए लेती और लोन पास होने पर लौटाने का झांसा देती।
बैंक लोन के लिए अपने पति और देवर को बनाया बैंक अफसर
मानसी ने बैंक लोन लेने की बात कहकर पति ललित सिंह को मोहित शर्मा और देवर कौशल सिंह को निखिल जैन व आशीष बनाकर संजीव से बात कराई। इसके बाद से उसका पति ललित व कौशल ने खुद को बैंक अफसर बताया और लोन दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस के रूप में लाखों रुपए मानसी और अलग-अलग लोगों के खाते में ट्रांसफर कराए। संजीव रुपए देने से मना करता तो आरोपी उसे बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते।
सुसाइड नोट में संजीव ने फेडरल और यूनियन बैंक के अफसरों का किया था जिक्र
पुलिस गिरफ्त में आए दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश में मेरठ के गंगानगर के रहने वाले हैं। वहीं मानसी का ससुराल है। जबकि रायपुर में उसका मायका है। इस मामले में अन्य आरोपियों के भी शामिल होने की बात सामने आई है। पुलिस उनका भी पता लगा रही है। संजीव ने अपने सुसाइड नोट में यूनियन बैंक के निखिल जैन और फैडरल बैंक के आशीष व अन्य व्यक्तियों के लोन दिलाने के नाम पर 1.75 करोड़ रुपए लेने और परेशान होकर खुदकुशी की बात लिखी थी।